सोमवार से कर सकेंगे मंदिर में दर्शन न मिलेगा प्रसाद, न मूर्ति छूकर ले सकेंगे आशीर्वाद…
नई दिल्ली: लॉकडाउन 5.0 में पहली जून से सभी बाजारों को खोलने के बाद आठ जून से मंदिर एवं अन्य धर्मस्थलों को खोला जाएगा। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा द्वारा जारी गई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार कंटेटमेंट जोन में मौजूद धार्मिक स्थल जनता के लिए बंद रहेंगे, लेकिन कंटेटमेंट जोन से बाहर स्थित धार्मिक स्थल खोले जा सकते हैं।
एसओपी में कहा गया है कि संक्रमण के संभावित प्रसार के मद्देनजर धार्मिक स्थलों में भजन गाने वाले ग्रुप्स को अनुमति न दी जाए, बल्कि इसकी जगह रिकॉर्डेड भजन बजाए जा सकते हैं। इस दौरान सामूहिक प्रार्थना से बचा जाना चाहिए और प्रसाद वितरण तथा पवित्र जल के छिड़काव जैसी चीजों को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
सोमवार से मंदिर खुलने पर आपको इन नियमों का करना होगा पालन
1- मंदिर में प्रवेश के वक्त अनिवार्य हैण्ड हाइजीन (सैनेटाइज़र डिस्पेंसर) और थर्मल स्क्रीनिंग का इस्तेमाल
2. लोगों को प्रवेश की अनुमति केवल तभी दी जाएगी जब वे फेस कवर या मास्क का उपयोग कर रहे हों।
3. एसओपी में कहा गया है कि धार्मिक स्थलों पर प्रतिमाओं और पवित्र पुस्तकों को छूने से भी बचना चाहिए तथा वहां प्रवेश के लिए लगी लाइन में कम से कम छह फुट की भौतिक दूरी रखी जानी चाहिए।
4. कोविड -19 के बारे में निवारक उपायों पर पोस्टर या स्टैंड प्रमुखता से प्रदर्शित किए जाएंगे। निवारक उपायों पर जागरूकता फैलाने के लिए ऑडियो और वीडियो क्लिप को नियमित रूप से चलाया जाना चाहिए।
5. धार्मिक स्थलों पर बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी होती है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि ऐसे परिसरों में भौतिक दूरी के नियम तथा अन्य एहतियाती उपायों का पालन किया जाए।
6. पार्किंग स्थल और परिसर के बाहर उचित भीड़ प्रबंधन- सामाजिक दूरी के नियमों का पालन किया जाए।
7. मंदिर परिसर के बाहर और अंदर किसी भी दुकान, स्टॉल, कैफेटेरिया आदि में हर समय सामाजिक दूरियों के नियमों का पालन करें।
8. लोगों की भीड का प्रबंधन करने और परिसर में सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त दूरी के साथ विशिष्ट चिह्न बनाए जाए।
9. मंदिर में आने वाले लोगों के लिए आने और जानें का रास्ता अलग-अलग होना चाहिए।
10. धार्मिक स्थानों पर सामुदायिक रसोई, लंगर, अन्नदान आदि, भोजन बनाते और वितरित करते समय शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करना चाहिए।