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गैंगस्टर भूप्पी राणा ने मूसेवाला के कातिलों का पता बताने पर रखा 5 लाख का इनाम

चंडीगढ़ : सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में अब एक और गैंगस्टर भुप्पी राणा की एंट्री हो गई है. भुप्पी राणा ने कहा है कि मूसेवाला के हत्यारों की जानकारी देने वालों को वह पांच लाख रुपये का इनाम देंगे.गैंगस्टर भुप्पी राणा ने कहा है कि मूसेवाला की मौत का बदला लिया जाएगा. भुप्पी राणा ने धमकी दी है कि जिसने भी सिद्धू मूसेवाला की हत्या में साथ दिया है वह एक-एक करके उन सब को मार देंगे.बता दें कि भुप्पी राणा नीरज बवाना और बंबिहा गैंग से जुड़ा हुआ है. भुप्पी राणा ने कहा कि मूसेवाला का विक्की मिन्दूखेड़ा की हत्या में कोई रोल नहीं था.

सिद्धू मूसेवाला का 29 मई को मर्डर हुआ था. उस वक्त वह कार से अपनी मौसी के घर जा रहे थे. उनकी गाड़ी पर करीब 30-35 गोलियां चली थीं. इसमें से दो दर्जन गोलियां सिद्धू के शरीर के आर-पार हो गई थीं. सिद्धू मर्डर केस में लॉरेंस बिश्नोई गैंग का हाथ सामने आया है. गैंग ने फेसबुक पोस्ट पर खुद इस मर्डर की जिम्मेदारी ली थी.हालांकि, पुलिस पूछताछ में लॉरेंस ने दावा किया है कि सिद्धू मूसेवाला मर्डर से उसका कोई लेना-देना नहीं है. पुलिस सूत्रों की मानें तो लॉरेंस ने यह खुलासा जरूर किया है कि विक्की मिद्दूखेड़ा की हत्या का बदला लेने के लिए ही मूसेवाला की हत्या की गई है.

भूप्पी राणा ने लिखा कि मूसेवाला का मानसा में कत्ल कर दिया गया। पंजाबी इंडस्ट्री में जट्‌ट की तूती बोलती थी। लॉरेंस और गोल्डी बराड़ झूठे फेम के लिए कहते हैं कि मूसेवाला ने गुरलाल बबराड़ और विक्की मिड्‌डूखेड़ा के कत्ल में बंबीहा ग्रुप की मदद की। यह बात झूठी है। हम जो भी करते हैं, अपने दम पर करते हैं। लॉरेंस ग्रुप जो भी करता है, उसे अपने मरे लोगों के साथ जोड़ देता है। जिसने भी मूसेवाला को मरवाने में मदद की, एक-एक से हिसाब लिया जाएगा। सिद्धू के परिवार, दोस्त और प्रशंसकों से हमारी हमदर्दी है। हम सिद्धू को वापस नहीं ला सकते लेकिन मौत का बदला जरूर लेंगे।

भूप्पी राणा गैंग और लॉरेंस गैंग में कट्‌टर दुश्मनी है। उनके बीच जेल के अंदर तक मारपीट हो चुकी है। भूप्पी राणा पर हरियाणा और पंजाब में कत्ल समेत कई अपराधों के 25 से ज्यादा केस दर्ज हैं।

जिन सोशल मीडिया अकाउंट्स से अब मूसेवाला के कत्ल का बदला लेने की धमकी दी जा रही है, वह वैरिफाइड नहीं हैं। हालांकि गैंगस्टरों और खासकर बंबीहा ग्रुप का यही तरीका है। हर बार कत्ल की जिम्मेदारी लेने या धमकी देने के लिए वह नया अकाउंट बना लेते हैं। पुलिस के अफसर भी मानते हैं कि गैंगस्टर ट्रैक होने के डर से एक ही अकाउंट इस्तेमाल नहीं करते।

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