दरार पड़े राजस्थान में ‘भारत जोड़ने’ की तैयारी, राहुल की यात्रा पर गहलोत-पायलट इफेक्ट
नई दिल्ली: राजस्थान में ‘भारत जोड़ो’ यात्रा 3 दिसंबर को एंट्री लेने वाली है। इसे लेकर कांग्रेस शासित राज्य में तैयारियां भी जोरों पर हैं। अब खबरे हैं कि इन तैयारियों में ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट गुटों के बीच तनातनी की झलक मिल रही है। हालांकि, कांग्रेस लगातार खुद को एकजुट दिखाने की कोशिश कर रही है, लेकिन राज्य में और भी ताजा मुद्दों के बीच भारत जोड़ो यात्रा का इंतजार हो रहा है।
तैयारियों में तनातनी?
करीब 20 दिनों के दौरान भारत जोड़ो यात्रा झालावाड़, कोटा, सवाई माधौपुर, दौसा और अलवर होते हुए गुजरेगी यात्रा की तैयारियों और व्यवस्थाओं के लिए राजस्थान में कई समितियां गठित की गई हैं। सीएम गहलोत और पायलट दोनों ही नेता राज्य स्तरीय समन्वय समिति का हिस्सा हैं। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने शनिवार को समिति का ऐलान किया था।
खास बात है कि उच्च स्तरीय समन्वय समिति में दोनों ही गुट के नेता शामिल हैं, लेकिन इसमें मुख्यमंत्री गहलोत कैंप को ज्यादा तरजीह दी गई है। इस तरह की खबरें आने के बाद कि धर्मेंद्र राठौर जैसे पार्टी नेता यात्रा की तैयारियां कर रहे हैं, पायलट गुट ने भी आपत्तियां जताई थीं।
यात्रा आने से पहले शांति की कोशिशें
गहलोत और पायलट के बीच जारी जारी तनातनी को यात्रा के आने से पहले शांत करने की कोशिशें जारी हैं। हालांकि, खबरें ये भी हैं कि हाल ही में पायलट के कई करीबियों ने मांग उठाई थी कि राज्य में नेतृ्त्व को लेकर जारी उलझनों को खत्म कर दें।
ओबीसी कोटा
हाल ही में राजस्थान के वरिष्ठ जाट नेता और पूर्व मंत्री हरीष चौधरी ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। उन्होंने पूर्व सैनिकों के लिए मौजूदा कोटा आवंटन के खिलाफ ओबीसी समुदायों के विरोध का मुद्दा उठाया था। उन्होंने इस मुद्दे के नहीं सुलझने को लेकर सीधे सीएम गहलोत से भी सवाल पूछे थे।
रास्ता बदलने की अटकलें
राजस्थान में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के मार्ग को लेकर भी खींचतान की खबरें आईं। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अटकलें लगाई जाने लगी कि गहलोत कैंप चाहता है कि यात्रा अलग रास्ते से गुजरे। कहा जाने लगा कि यात्रा का रास्ते में ऐसे कई जिले हैं, जो पायलट के मजबूत गढ़ माने जाते हैं।
प्रभारी ने साथ छोड़ा
सितंबर में हुए राजनीतिक घटनाक्रम का बड़ा असर नवंबर में भी देखने को मिला। हाल ही में राजस्थान में कांग्रेस के प्रभारी रहे अजय माकन ने इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने पद छोड़ने की वजह भी राजस्थान घटनाक्रम बताई थी। खबर है कि वह कांग्रेस के तीन नेताओं (महेश जोशी, शांति धारीवाल, धर्मेंद्र राठौर) के खिलाफ ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) की तरफ से कार्रवाई नहीं होने से परेशान थे।