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कपास पर MSP के लिए 17,408 करोड़ रुपए मंजूर, सरकार ने बहाल की सांसद निधि योजना, पढ़े मोदी कैबिनेट के अन्य फैसले

नई दिल्ली: सरकार ने आगामी कपास विपणन सत्र में कपास किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दिलाने के लिए 17,408 करोड़ रुपये की प्रतिबद्धता की बुधवार को घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) के इस निर्णय की जानकारी सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी। उन्होंने कहा कि सीसीईए ने कपास आयोग को मूल्य समर्थन के लिए 17408 करोड़ रुपए की प्रतिबद्धता के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि इससे 11 राज्यों के कपास की खेती करने वाले 58 लाख किसानों और इस काम में लगे चार करोड़ श्रमिकों को उनकी आजीविका में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि सरकारी एजेंसियों ने कोविड के दौरान भी कपास की खरीद जारी रखी। कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस निर्णय से किसानों के हित की रक्षा होगी। गोयल ने ट्वीट कर कहा, ‘ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में कैबिनेट द्वारा कपास की खरीद में एमएसपी कार्यक्रम लागू करने हेतु 17,408 करोड़ के समर्थन मूल्य को स्वीकृति दी गई। इससे कपास की खेती में देश आत्मनिर्भर होगा तथा लगभग 58 लाख किसानों के हितों की रक्षा होगी।’

इसी प्रकार आदिवासी समुदाय के उत्थान के लिए अपना जीवन खपाने वाले भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवम्बर को देश भर में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी।

सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बाद में संवाददाता सम्मेलन मेंं मंत्रिमंडल की बैठक में लिये गये निर्णयों की जानकारी देते हुए कहा कि आदिवासी समुदाय के इतिहास , संस्कृति और उपलब्धियों को मनाने तथा इसे जन जन तक पहुंचाने के लिए देश में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवम्बर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि यह निर्णय आजादी की लड़ाई में भगवान बिरसा मुंडा के योगदान को देखते हुए भी लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर 15 से 22 नवम्बर तक देश भर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। इन कार्यक्रमों के जरिये बिरसा मुंडा के योगदान को लोगों तक पहुंचाया जायेगा। इसी के साथ सरकार ने सांसद निधि योजना बहाल करते हुए योजना के तहत चालू वित्त वर्ष के शेष भाग के लिए प्रत्येक संसद सदस्य को दो करोड़ रुपए जारी करने का निर्णय लिया है।

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