इंटरनेट स्पीड खास कर ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट क्रांति के लिहाज से GSAT-11 सैटेलाइट को मील का पत्थर माना जा रहा है। भारत के अब तक के सबसे भारी सैटलाइट लॉन्च के लिए सभी तैयारी पूरी हो चुकी है और बुधवार की सुबह यह लॉन्च होगा। इस कम्युनिकेशन सैटलाइट का वजन 5854 किलोग्राम है।
- GSAT-11 को खास तौर पर ग्रामीण भारत में इंटरनेट क्रांति के लिहाज से बहुत अहम माना जा रहा है।
- 5,854 किलोग्राम के वजन वाला यह सैटेलाइट बुधवार को यूरोपियन स्पेस एजेंसी फ्रेंच गुएना से लॉन्च होगा।
- इसरो चेयरमैन का कहना है कि इस सैटेलाइट के कारण देशवासियों को इंटरनेट स्पीड में बड़ा बदलाव दिखेगा।
नई दिल्ली: भारत का अब तक का सबसे भारी सैटलाइटGSAT-11 लॉन्च होने के लिए तैयार है। बुधवार की सुबह इसे यूरोपियन स्पेस एजेंसी फ्रेंच गुएना से लॉन्च किया जाएगा। इस सैटलाइट को भारतीय अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक बहुत दूरगामी कदम माना जा रहा है। यह सैटलाइट कैसे बड़ी क्रांति है, जानें सुरेंद्र सिंह की रिपोर्ट से…
(1) 5,854 किग्रा. की यह सैटलाइटधरती से 36,000 किमी. की दूरी तक जाएगा। इस कम्युनिकेशन सैटलाइट का वजन 5854 किलोग्राम है। इसके जरिए देश में इंटरनेट की स्पीड को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
(2) इसरो के चेयरमैन के.सिवन ने बताया, ‘चार उच्च क्षमता वाले थ्रोपुट सैटलाइट अगले साल से देश में हर सेकंड 100 गीगाबाइट से ऊपर की ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी देंगें। ग्रामीण भारत में इंटरनेट क्रांति के लिहाज से यह सैटलाइट उल्लेखनीय कदम है।’
(3) भारी-भरकम सैटलाइट इतना बड़ा है कि प्रत्येक सोलर पैनल चार मीटर से ज्यादा लंबे है, जो कि एक बड़े रूम के बराबर है।
(4) इस सैटलाइट की खास बात है कि यह बीम्स को कई बार प्रयोग करने में सक्षम है, जिससे पूरे देश के भौगोलिक क्षेत्र को कवर किया जा सकेगा। इससे पहले के जो सैटलाइट लॉन्च किए गए थे उसमें ब्रॉड सिंगल बीम का प्रयोग किया गया था जो इतने शक्तिशाली नहीं होते थे कि बहुत बड़े क्षेत्र को कवर कर सकें।
(5) यह सैटलाइट इतना भारी-भरकम और वजनी है कि हर सोलर पैनल की लंबाई 4 मीटर से अधिक है जो एक सेडान के बराबर है।
(6) GSAT-11 में 40 ट्रांसपोर्डर कू-बैंड और का-बैंड फ्रीक्वेंसी में है। इसकी सहायता से हाई बैंडविथ कनेक्टिविटी 14 गिगबाइट/सेकेंड डेटा ट्रांसफर स्पीड संभव है।
(7) GSAT-11 को पहले मार्च-अप्रैल में लॉन्च करने की तैयारी थी, लेकिन GSAT-6 के असफल लॉन्च के बाद उस वक्त लॉन्चिंग को रोक दिया गया और GSAT-11 को वापस फ्रेंच गुएना से बुलाया गया।
(8) कई स्तर पर परीक्षण के बाद ही इसरो ने इसके लॉन्च की घोषणा की। जीसैट-11 को बुधवार को लॉन्च किया जाएगा और जीसैट-20 को अगले साल प्रक्षेपित किया जाना है।