GST का असरः छोटे होटलों, रेस्टोरेंट और ढाबों में खाना हो सकता है सस्ता
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के अमल में आने के बाद छोटे होटल, रेस्टोरेंट और ढाबों में खाना सस्ता हो सकता है. शनिवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीएसटी कर प्रणाली से जुड़े दो अहम विधेयकों के मसौदे को मंजूरी दी गई. टैक्स में दो-तिहाई तक बचत हो सकती है.दरअसल, जीएसटी काउंसिल ने 50 लाख रुपये तक सालाना टर्नओवर वाले छोटे होटलों, रेस्टोरेंट और ढाबों के लिए जीएसटी की दर 5 फीसदी तय करने को मंजूरी दे दी है. किसी होटल या ढाबे में खाने पर आपको मौजूदा सर्विस टैक्स की तुलना में सिर्फ एक तिहाई ही जीएसटी देना होगा. हालांकि अभी सर्विस टैक्स की दर 15 फीसदी है. जो रेस्टोरेंट की बिल राशि के 40 फीसदी पर लगता है.
अगर किसी रेस्टोरेंट में 1,000 रुपये का बिल बनता है तो सर्विस टैक्स 60 रुपये बनता है. यदि इसी फॉर्मूले के मुताबिक 5 फीसदी जीएसटी लगा तो आपको 40 रुपये की बचत होगी. क्योंकि जीएसटी की राशि 20 रुपये ही बनेगी. जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीएसटी से जुड़े दो प्रमुख विधेयकों के अंतिम मसौदों को मंजूरी दी गई. इनमें सेंट्रल जीएसटी (सीजीएसटी), इंटीग्रेटेड जीएसटी (आईजीएसटी) विधेयक शामिल हैं. वहीं, स्टेट जीएसटी (एसजीएसटी) और यूनियन टेरिटरी-जीएसटी (यूटी-जीएसटी) विधेयक के मसौदों को अंतिम रूप अगली बैठक में दिया जाएगा. काउंसिल की अगली बैठक 16 मार्च होगी.
संसद में 9 मार्च को संसद में पेश होंगे विधेयक
सरकार सीजीएसटी, आईजीएसटी को संसद की मंजूरी के लिए मौजूदा बजट सत्र के दूसरे चरण में पेश करेगी. जो 9 मार्च से शुरू होगा. सीजीएसटी केंद्र को एक्साइज ड्यूटी और सर्विस टैक्स के जीएसटी में समाहित होने के बाद वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी लगाने का अधिकार देगा. आईजीएसटी अंतर-राज्यीय बिक्री पर लागू होगा.
किसान छोटे कारोबारियों को छूट
केंद्र और राज्यों ने किसानों को जीएसटी व्यवस्था के तहत रजिस्ट्रेशन से छूट देने का फैसला किया है. वहीं 20 लाख रुपये तक सालाना कारोबार वाले व्यापारियों को जीएसटी के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं कराना होगा. इसके अलावा जीएसटी काउंसिल ने आयुक्त स्तर के अधिकारियों को करदाताओं को टैक्स किस्त में जमा कराने की छूट देने का भी अधिकार दिया है ताकि जीएसटी अदा करने वालों को वित्तीय समस्या से निपटने में राहत मिल सके.