नई दिल्ली: दुनिया की आधी आबादी को कोरोना से सुरक्षा देने वाले टीके की पहली खुराक मिल गई है। करीब पौने दो साल से कोरोना महामारी से जूझ रही दुनिया के लिए यह राहत की खबर है। आवर वर्ल्ड इन डाटा के मुताबिक, पूरी दुनिया में सोमवार तक 50.9 प्रतिशत आबादी को कम से कम एक खुराक मिल चुकी है। हालांकि अभी दुनिया के 39% लोग ही फुली वैक्सीनेट हो सके हैं क्योंकि ज्यादातर देशों ने तेजी से पहली डोज लगाने की नीति अपनायी है। दुनिया को इसका सीधा लाभ कोविड संक्रमण से सुरक्षा में मिलेगा।
यूएई ने सबसे तेजी से पहली डोज लगायी
दुनियाभर में हो रहे कोविड-19 रोधी टीकाकरण पर नजर रखने वाले ‘आवर वर्ल्ड इन डाटा’ के मुताबिक, संयुक्त अरब अमीरात की 97 प्रतिशत आबादी को टीके की पहली डोज मिल चुकी है। इस सूची में दूसरे नंबर पर पुर्तगाल और क्यूबा संयुक्त रूप शामिल हैं जहां 89 प्रतिशत लोगों को पहली डोज मिल चुकी है। दुनिया के सबसे संक्रमण पीड़ित देश अमेरिका में 66%, ब्राजील में 76% और भारत में 53.14% लोगों को टीका मिल चुका है।
तेज टीकाकरण से वैश्विक स्तर पर संक्रमण पर मंद पड़ा
हाल में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने माना था कि दुनिया में मिलने वाले संक्रमण के नए मामलों में कमी आयी है हालांकि यूरोप में संक्रमण बढ़ रहा है। अभी यूरोप के उन देशों में ज्यादा संक्रमित मरीज मिल रहे हैं जहां टीकाकरण धीमी रफ्तार से हो रहा है। अगर वहां स्थिति पर काबू नहीं पाया जा सका तो अगले साल तक यह पूरी दुनिया में संक्रमण का एपीसेंटर बन सकता है। दूसरी ओर, रॉयर्ट्स कोविड ट्रैकर के मुताबिक, अभी दुनिया में अफ्रीका, लातिन अमेरिका में कम संक्रमण है जबकि हर सौ नए मरीजों में से 23 मरीज एशिया व मध्य पूर्व में मिल रहे हैं।
ज्यादा टीके धनी देशों में लगे
रॉयर्ट्स के कोविड ट्रैकर के मुताबिक, टीके की कम से कम एक डोज ले चुके 30% लोग अधिक आय वाले देशों के हैं। साथ ही, इनमें से पहली डोज ले चुके 24 फीसदी लोग यूरोप और उत्तरी अमेरिका के हैं। अब दुनिया के 201 देशों में टीका लगना शुरू हो चुका है और इस वक्त हर दिन दुनिया में टीके की 2.72 करोड़ डोज लगायी जा रही हैं।
अब भी लक्ष्य से दूर दुनिया
विश्व स्वास्थ्य संगठन मानता है कि दुनिया की 70 फीसदी आबादी को टीका लगने के बाद कोरोना महामारी को कमजोर किया जा सकता है। इसी को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने 2022 के मध्य तक दुनिया के 70% लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा है। यह लक्ष्य पाने के लिए संयुक्त राष्ट्र इस साल के अंत तक हर देश की 40 फीसदी आबादी को टीका लगा देना चाहता है। मगर आंकड़े बताते हैं कि इस साल दुनिया के कम से कम 7 देश इस लक्ष्य को पाने में असफल हो सकते हैं क्योंकि उन तक टीका नहीं पहुंचा है। आवर वर्ल्ड इन डाटा के मुताबिक, इन देशों में अभी 30 फीसदी टीकाकरण भी नहीं हो सका है। 70% वैश्विक आबादी को टीका लगाने के लिए 11 अरब खुराके चाहिए जबकि अबतक 7.25 अरब लगायी जा चुकी हैं।
इन सात देशों में बेहद कम टीके लगे
आवर वर्ल्ड इन डाटा के मुताबिक, दक्षिण अफ्रीका में अब तक 26%, बांग्लादेश में 26%, मिस्त्र में 18%, केन्या में 6.9%, इथियोपिया में 3.1%, नाइजीरिया में 2.7% और तंजानिया में 1.4% आबादी का टीकाकरण हो चुका है।
गरीब देशों में महज 4% को टीका मिला
दुनियाभर में भले 50 फीसदी लोगों को टीका मिल गया हो मगर टीकाकरण में असमानता का हाल यह है कि आवर वर्ल्ड इन डाटा के मुताबिक गरीब देशों की महज 4.1 प्रतिशत आबादी को ही टीके की पहली डोज मिल पायी है। ज्यादातर टीके विकसित देशों के पास हैं और दोनों खुराके लगाने के बाद कई देशों ने अब बूस्टर डोज में इनका इस्तेमाल शुरू कर दिया है। प्रतिष्ठित नेचर पत्रिका का अनुमान है कि भले अमीर देश टीका दान करने का वादा कर रहे हैं मगर अत्यंत गरीब देशों को 2023 में जाकर टीका मिल पाएगा।