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‘वायदे पूरे करने में फिसड्डी मोदी सरकार’

vada modi sarkarनई दिल्ली: नरेन्द्र मोदी सरकार अपने वायदों को पूरा करने को लेकर लम्बे-चौड़े दावे कर रही है, लेकिन संसद में हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। जनता से किए वायदे तो दूर की बात है संसद से किए गए वायदे पूरे करने में भी सरकार खासी फिसड्डी साबित हुई है। सरकारी आश्वासनों पर लोकसभा सांसद रमेश पोखरियाल की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति के आंकड़ों के अनुसार मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान लोकसभा में दिए गए 81 प्रतिशत आश्वासन लम्बित पड़े हैं। तीन सत्रों में सरकार ने कुल 1298 आश्वासन दिए लेकिन महज 241 ही पूरे किए। 1054 अभी भी पूरा होने के इंतजार में हैं, जबकि 3 को छोड़ दिया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय, आयुष, खाद्य प्रसंस्करण, सामाजिक न्याय, कौशल विकास, शहरी विकास तथा अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालयों समेत सरकार के कुल 10 मंत्रालय ऐसे हैं जिन्होंने एक भी आश्वासन पूरा नहीं किया है, जबकि केवल तीन मंत्रालयों (संसदीय कार्य, खनन और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय) ने अपने सभी वायदे पूरे किए हैं। 22 मंत्रालयों के 90 प्रतिशत आश्वासन अधर में लटके हुए हैं। बाकी सभी मंत्रालयों के करीब 50 प्रतिशत वायदे अधर में लटके हुए हैं।

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