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Happy B’day Helen:हेलन का भारत पहुंचने तक का सफर रहा है दर्दनाक, इस तरह पाया मुकाम

बॉलीवुड की सबसे पहली और सबसे पॉपुलर कैबरे डांसर हेलन आज अपना 81वां जन्मदिन मनाने वाली हैं। बेहतरीन अदाकारी और विदेशी शक्ल होने के कारण हेलन को अपने करियर में कई तरह के रोल निभाने को मिले हैं। पद्माश्री से नवाज़ी जा चुकीं हेलन के बारे में ये बात कम लोग ही जानते हैं कि एक्ट्रेस बनने से पहले एक रिफ्यूज़ी थीं। हेलन का रंगून से लेकर भारत तक का सफर काफी संघर्षों से भरा हुआ है।

कई सारी ब्लॉकबस्टर फिल्म का हिस्सा रह चुकीं हेलन 21 नवंबर 1938 में रंगून, बर्मा में जन्मी थीं। द्वितीय विश्व यूध्द के दौरान हेलन के पिता की मृत्यू हो गई थी जिसके बाद उनके परिवार की दिक्कतें बढ़ गई थीं। 1943 में उनका परिवार बॉम्बे आ गया था। हेलन ने फिल्म फेयर अवॉर्ड के दौरान अपने भारत आने के दर्दनाक सफर के बारे में खुलकर बात की थी।

हेलन ने बताया, हमने सेकड़ों गांव और जंगल पार किए, लोगों कि दया पर जिंदा थे हम, चंद कपड़ों के अलावा हमारे पास खाना, पैसा कुछ नहीं था, हमें कुछ सोल्जर मिले जिन्होंने हमें ट्रांसपोर्ट दिया, उन्होंने हमें रिफ्यूजी समझ कर खाना दिया।

आगे हेलन ने कहा, जब हम डिब्रूगढ़, असम पहुंचे तो हमारा ग्रुप आधा हो चुका था, कुछ पीछे रह गए, कुछ बीमार थे, और कुछ भूख से मर चुके थे, रास्ते में मेरी मां का गर्भपात हो चुका था, बचे हुए लोगों को डिब्रूगढ़ के अस्पताल में रखा गया, मैं और मेरी मां आधे हो चुके थे, और मेरा भाई गंभीर रूप से बीमार था, हमें दो महीनों तक अस्पताल में रखा गया, फिर हम ठीक होकर कलकत्ता आ गए, दुर्भाग्य से पॉक्स के कारण मेरे भाई की मृत्यू हो गई।

हेलन ने परिवार में पैसों की तंगी के कारण पढ़ाई अधूरी छोड़ दी। बाद में उन्होंने अपने फैमिली फ्रेंड की मदद से बतौर डांसर अपने करियर की शुरुआत की थी। हेलन को उनका पहला ब्रेक 1958 में आई फिल्म हावड़ा ब्रिज के गाने मेरा नाम चिन चिन चू से मिला था, जिसके बाद हेलन पर सबकी नज़रें टिक गईं। बाद में हेलन ने अपनी बेहतरीन अदाकारी से बॉलीवुड में एक अलग मुकाम हासिल किया था।

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