नई दिल्ली: देश में कोरोना की रफ्तार अब धीमी पड़ने लगी है। एक्सपर्ट का मानना है कि अगले छह महीनों में कोरोना खत्म होने की ओर बढ़ जाएगा। एक्सपर्ट का मानना है कि कोरोना का नया वैरिएंट अकेले तीसरी लहर नहीं ला सकता है। नेशनल सेंटर फॉर डिजीज के डायरेक्टर सुजीत सिंह ने कहा कि महामारी ने अधिकतर भविष्यवाणियों को गलत साबित किया है लेकिन अगले छह महीनों में हम कोरोना के अंत की ओर आगे बढ़ेंगे। डॉक्टर सिंह ने कहा कि कोरोना के अंत से मेरा मतलब है कि हम इस महामारी को और आसानी से संभाल सकते हैं। बेहतर सुविधा और इंफ्रास्ट्रक्चर की मदद से इसे और अच्छे से संभाला जा सकता है।
डॉक्टर सुजीत सिंह ने कहा कि अगर कोरोना से मृत्यु दर और गंभीर रूप से बीमार होने वाले मरीजों की दर में कमी आती है तो हम इस बीमारी को मैनेज कर सकते हैं। केरल में कोरोना के नए मामले पिछले कुछ दिनों से लगातार आ रहे हैं, लेकिन अब वहां भी स्थिति बेहतर हो रही है। कोरोना महामारी के खिलाफ टीकाकरण काफी कारगर हथियार है। डॉक्टर सुजीत ने कहा कि 75 करोड़ लोगों को टीका लग चुका है, अगर वैक्सीन 70 फीसदी भी असरकारक है तो 50 करोड़ लोग कोरोना से इम्यून हैं। कोरोना की सिंगल डोज 30-31 फीसदी कोरोना से सुरक्षा मुहैया कराती है। 30 करोड़ लोगों को सिंगल डोज मिल चुकी है और ये लोग इम्यून हैं।
एक्सपर्ट का कहना है कि वैक्सीन लगने के बाद लोगों को कोरोना के अनुकूल बर्ताव करना चाहिए। डॉक्टर सुजीत ने कहा कि जिन लोगों को कोरोना की दोनों डोज लग चुकी है या पूरी तरह से संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं ऐसे सिर्फ 20-30 फीसदी लोगों को कोरोना का खतरा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि टीका लगने के 70-100 दिन बाद इम्युनिटी का स्तर गिरने लगता है। एनसीडीसी के चीफ ने कहा कि भारत में कोरोना का कोई नया वैरिएंट नहीं है। कुछ एक-दो नए वैरिएंट देश में कोरोना की तीसरी लहर नहीं ला सकते हैं। हालांकि त्योहारों की वजह से कुछ चिंता जरूर बनी हुई है।