नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि यदि रासायनिक खाद का इस्तेमाल इसी तादाद में बढ़ता रहा तो आने वाले 10-15 वर्षों में कैंसर के मामलों में 50 प्रतिशत तक वृद्धि हो जाएगाी। उन्होंने अपने लोकसभा क्षेत्र गांधीनगर के 50 फीसदी किसानों से रासायनिक खाद को त्यागकर प्राकृतिक रूप से खेती करने का आह्वान किया।
खतरनाक भविष्य की ओर बढ़ रही भारत की खेती
शाह ने कहा कि भारत की खेती खतरनाक भविष्य की ओर बढ़ रही है। रासायनिक खाद के इस्तेमाल से देश की मिट्टी बंजर होती जा रही है। अत्यधिक रसायनों के इस्तेमाल से जमीन का पानी भी जहरीला होता जा रहा है। हमारे अनाज पहले ही विषैले हो चुके हैं, लेकिन यदि आने वाले 10-15 वर्षों में यदि पानी भी जहरीला हो गया तो वैज्ञानिकों के अनुसार कैंसर से पीड़ित लोगों की संख्या में 50 प्रतिशत की वृद्धि हो जाएगी। हमें इस खतरे को समझना होगा। इस दौरान उन्होंने अपने क्षेत्र के 1000 से ज्यादा किसानों को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया।उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने का लक्ष्य निर्धारित करने को कहा कि 2022 के अंत तक गांधीनगर निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्येक गांव में कम से कम 15 किसान प्राकृतिक खेती करें।
गुजरात के ढाई लाख किसान प्राकृतिक खेती की ओर लौटे
उन्होंने कहा कि हरित क्रांति के बाद से जारी कृषि प्रथाओं की आवधिक समीक्षा की कमी ने वर्तमान स्थिति को जन्म दिया है। गृह मंत्री ने कहा कि गोबर की खाद और गाय के मूत्र के इस्तेमाल से ही मृदा की उर्वरक क्षमता को बढ़ाया को बढ़ाया जा सकता है। शाह ने कहा कि गुजरात के ढाई लाख से ज्यादा किसानों ने पिछले 2 सालों में अपने खेतों में रासायनिक खाद का इस्तेमाल छोड़ दिया है और अब वे प्राकृतिक तरीक से खेती कर रहे हैं।
किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित करें अधिकारी
उन्होंने कहा कि राज्य में पानी का स्तर 1000-1200 फीट नीचे पहुंच गया है और खेती करने का प्राकृतिक तरीका पानी के इस्तेमाल में 50 प्रतिशत तक की कमी ला सकता है। मैंने एक सांसद के रूप में यह निर्णय लिया है कि 2025 तक मेरे निर्वाचन क्षेत्र के कम से कम 50 प्रतिशत किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।