छत्तीसगढ़राज्य

बस्तर में सुगंधित धान, मसालों व तिलहन की खेती की अपार संभावना – डॉ.कमलप्रीत

जगदलपुर : कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने बस्तर संभाग में कृषि एवं सहयोगी विभागों द्वारा संचालित गतिविधियों की समीक्षा के दौरान खरीफ वर्ष 2022 की समीक्षा तथा रबी वर्ष 2022-23 के कार्यक्रम निर्धारण के लिए आयोजित कांफ्रेंसिंग के जरिए जुड़े कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने कहा कि बस्तर में सुगंधित धान के साथ ही मसालों की खेती की अपार संभावनाएं हैं, साथ ही बस्तर में तिलहन की खेती के लिए भी जलवायु अनुकूल है। उन्होंने बस्तर में सरसों की खेती को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बस्तर को जैविक संभाग बनाने की ओर कदम बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने मिलेट मिशन के तहत रागी व कोदो-कुटकी केउत्पादन को बढ़ाने पर विशेष ध्यान देने की आवश्यता है।

इस अवसर पर कृषि विभाग के विशेष सचिव एवं संचालक डॉ. अय्याज तम्बोली ने कहा कि संभाग के ग्रामीण क्षेत्रों में परंपरागत बीज आज भी उपलब्ध हैं, जिनकी कई विशिष्टताएं हैं। इन बीजों की जानकारी रखने के साथ ही कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से इनका पंजीयन करवाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इन बीजों की विशिष्टताओं के संबंध में जागरुकता लाए जाने की आवश्यकता भी है, जिससे इनकी अच्छी कीमत प्राप्त हो। उन्होंने वर्तमान समय में पूरे विश्व में बढ़ी गेहूं की मांग को देखते किसानों को गेहूं की खेती के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि लघु सिंचाई परियोजना तथा नए जलस्त्रोतों के आस-पास के किसानों को आसानी से प्रेरित किया जा सकता है। उन्होंने केंद्र एवं राज्य पोषित योजनाओं का लाभ प्रदान करने के लिए किसान पंजीयन पर जोर दिया।

पशुधन विकास विभाग की संचालक श्रीमती चंदन संजय त्रिपाठी ने पड़ोसी राज्यों में लंपी वायरस के संक्रमण को देखते हुए टीकाकरण पर जोर दिया। उन्होंने पड़ोसी राज्यों से आने वाले पशुओं को क्वारंटीन करने तथा पशु बाजारों पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने गौठानों को ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रुप में विकसित करने के संबंध में भी निर्देशित किया। उन्होंने पशुपालकों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड बनाए जाने के कार्य में तेजी लाने की आवश्यकता भी बताई। गोधन न्याय योजना की समीक्षा करते हुए कृषि विभाग की उप सचिव तुलिका प्रजापति ने गोबर खरीदी के साथ ही कम्पोस्ट खाद बनाने के कार्य में तेजी लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कम्पोस्ट खाद के विक्रय को बढ़ाने पर भी जोर दिया। इसके साथ ही असक्रिय गौठान समितियों के सदस्यों को हटाकर उनके स्थान पर नए सदस्यों को नियुक्त करने के निर्देश दिए।

इसके अलावा बैठक में जल ग्रहण क्षेत्र प्रबंधन, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, खाद-बीज की उपलब्धता और वितरण, धान के स्थान पर अन्य फसलों को बढ़ावा, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, मिलेट मिशन, उतेरा फसल में दलहन-तिलहन को बढ़ावा, अल्पकालीन कृषि ऋण, सुक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा, कृषि पंप विद्युतीकरण, आधुनिक कृषि को बढ़ावा, उद्यानिकी फसल व मछलीपालन, पशुपालन को बढ़ावा देने सहित अन्य विषयों पर चर्चा करते हुए आवश्यक निर्देश दिए गए।

Related Articles

Back to top button