अकेले केरल में ही कोरोना के 68% नए केस, 2 लाख के करीब पहुंचे एक्टिव केस
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने गुरुवार को जानकारी देते बताया कि बीते 24 घंटे में सिर्फ 30570 कोरोना के मामले सामने आए हैं. सिर्फ केरल से ही अधिक मामले सामने आ रहे हैं, एक्टिव मामले 3,42,000 के कारण हैं ,जबकि रिकवरी रेट 97% से अधिक है. उन्होंने बताया कि लगभग दो लाख एक्टिव के केरल में है, उसके बाद महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक,आंध्र प्रदेश मिजोरम में भी 10,000 से लेकर 55000 के बीच एक्टिव मामले हैं. जबकि बीते 11 सप्ताह से पॉजिटिविटी रेट 3% से कम है, सिर्फ 32 जिलों में पॉजिटिविटी रेट 5% से अधिक है.. जबकि 34 जिलों में 10% से अधिक है। हमारे लिए यही 66 जिले चिंता का विषय है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इस वक्त देश में पीएसए ऑक्सीजन प्लांट 3631 हैं. जिसमें से केंद्र सरकार की तरफ से 1491, राज्य सरकार की तरफ से 2140 है. इनमें से अधिकांश काम चल रहा है कुछ अपने अंतिम दौर में है। 1595 प्लांट अभी तक बनकर तैयार हो चुके हैं, कमीशन हो चुके हैं, जिससे दो हजार मैट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन मिल रही है. जिसमें से 1024 मेट्रिक टन केंद्र सरकार 1065 में ट्रैक्टर राज्य सरकारों के संसाधनों की तरफ से है. उन्होंने बताया कि देश में 57 करोड़ 86 लाख लोगों को कोरोना की डोज तकरीबन 18 करोड़ 70 लाख लोगों को दूसरी डोज मिल गई है ,99% स्वास्थ्य कर्मियों को पहली डोज, 100% फ्रंटलाइन वर्कर को पहली डोज मिल चुकी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने बताया कि लक्ष्यदीप, चंडीगढ़, गोवा ,हिमाचल प्रदेश सिक्किम ,अंडमान निकोबार ,दादर नगर हवेली, लद्दाख उत्तराखंड केरल में लगभग शत-प्रतिशत व्यक्तियों को पहली वैक्सीन लग चुकी है. वहीं, आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल डॉ. बलराम भार्गव ने बताया कि त्योहारों को देखते हुए हमें अतिरिक्त सावधानी रखनी होगी, अगर कहीं भी जनसंख्या का घनत्व एक स्थान पर ज्यादा होता है तो संक्रमण फैल सकता है.
नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य डॉ. वीके पॉल ने बताया कि मिजोरम फिलहाल हमारे लिए चिंताजनक राज्य है, जहां संक्रमण चल रहा है। आने वाले 3 महीनों में हम इस बात का ध्यान रखना होगा कि टीकाकरण तेज गति से चले संक्रमण दर नियंत्रण में रहे। अभी भी हमें डर है कि कहीं अक्टूबर-नवंबर में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी ना हो। बलराम भार्गव के अनुसार फिलहाल हमारे लिए मुफ्त का डोज़ ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है, हमारी कोशिश है कि सभी लोगों का टीकाकरण हो सके। जहां तक निजी अस्पतालों का सवाल है अगर वह 25% वैक्सीन खरीदने या फिर एडमिनिस्ट्रेटर करने की स्थिति में नहीं है, तो बची हुई वैक्सीन केंद्र सरकार खरीद लेती है, ताकि उत्पादन हुए सभी वैक्सीन का प्रयोग किया जा सके. बुखार को देखते हुए उत्तर प्रदेश में भारत सरकार ने अपनी टीम भेजी थी, सभी डाटा एनसीडीसी से शेयर किया जाता है, हर बार मानसून रुकने के समय डेंगू के मच्छर होते है.