नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में चुनाव की तारीख भले ही अभी आयोग ने घोषित नहीं की हैं, लेकिन माहौल पूरी तरह से बन चुका है। पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह, योगी समेत भाजपा के तमाम नेता ताबड़तोड़ रैलियां करने में जुटे हैं तो अखिलेश यादव सपा के लिए अकेले ही रथयात्री बन निकल पड़े हैं। बसपा और कांग्रेस ने भी तैयारियां तेज कर दी हैं, लेकिन इन सबसे अहम है, जनता का मूड जो तय करेगा कि आखिर यूपी के लिए उपयोगी कौन है। एबीपी-सी वोटर के सर्वे में यूपी चुनाव को लेकर बड़े अनुमान लगाए गए हैं। जनता की राय में भले ही अब भी भाजपा पहले नंबर पर है, लेकिन सपा भी कमजोर नहीं है और मुकाबला दो ध्रुवीय रह जाने के चलते कड़ा होने की संभावना है।
49 फीसदी लोगों ने माना सत्ता में वापसी कर सकती है भाजपा
एबीपी-सी वोटर की ओर से 29 दिसंबर को जनता की राय ली गई, जिसमें से 49 फीसदी लोगों ने कहा कि भाजपा सत्ता में वापसी कर सकती है। इसके अलावा 30 प्रतिशत लोग सपा के पक्ष में दिखाई दिए। साफ है कि समाजवादी पार्टी भी मुकाबले में मजबूती के साथ है। सर्वे में शामिल 8 फीसदी लोग मायावती की सरकार के पक्ष में दिखे तो 6 फीसदी लोगों ने कांग्रेस को भी मजबूत दावेदार माना है। 2 प्रतिशत ने अन्य और 3 प्रतिशत ने त्रिशंकु विधानसभा होने की बात कही है। तीन प्रतिशत लोगों ने पता नहीं में जवाब दिया था। दिलचस्प बात यह है कि बीते सप्ताह के मुकाबले भाजपा की ताकत बढ़ती दिखी है।
एक सप्ताह में भाजपा के पक्ष में और बना माहौल
इससे पहले 23 दिसंबर को यही सवाल लोगों से पूछा गया था तो करीब 48 प्रतिशत लोगों ने कहा था कि बीजेपी को दोबारा यूपी की सत्ता मिलेगी। 31 प्रतिशत लोगों ने अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी का नाम लिया था। 7 प्रतिशत ने कहा था कि बसपा की सरकार यूपी में बनेगी। 6 प्रतिशत लोगों ने कहा था कि कांग्रेस का दशकों पुराना वनवास खत्म होगा। इस तरह से देखें तो बीते एक सप्ताह में भाजपा का माहौल पहले से बेहतर हुआ है। क्षेत्रवार भी बात करें तो पूर्वांचल से लेकर अवध, बुंदेलखंड और पश्चिम तक में भाजपा भारी पड़ रही है। दिलचस्प बात यह है कि जिस पश्चिम यूपी में किसान आंदोलन का असर माना जा रहा था, वहां भी वह सपा, बसपा जैसे दलों से आगे है।
पूर्वांचल से और पश्चिम तक किसे कितने फीसदी मिल सकते हैं वोट
अवध में भाजपा को 44 फीसदी वोट मिलते दिख रहे हैं, जबकि सपा को 31 और बसपा को महज 10 पर्सेंट वोट ही मिलने का अनुमान है। कांग्रेस 8 फीसदी वोट हासिल कर सकती है। पश्चिमी यूपी में भाजपा का ही दबदबा है। यहां उसे 40 फीसदी वोट शेयर मिलता नजर आ रहा है। इसके अलावा सपा को 33 फीसदी मत मिल सकते हैं। यहां बसपा 15 फीसदी मत पा सकती है। कांग्रेस यहां भी 7 फीसदी पर ही सिमट सकती है। पूर्वांचल में130 सीटें हैं, जो किसी भी पार्टी को सत्ता के शीर्ष पर ले जाने में अहम भूमिका निभा सकती हैं। यहां भाजपा को 41 तो सपा को 36 पर्सेंट वोट मिल सकते हैं। बुंदेलखंड में 19 सीटें हैं। यहां भाजपा 42 फीसदी वोट पा सकती है। सपा यहां मुकाबले में काफी करीब है और 33 फीसदी वोट पा सकती है।