उत्तर प्रदेश में 3500 में बिक रहा है आय प्रमाण पत्र, पैसा लेकर आर्थिक कमजोर भी बनाने का खेल
लखनऊ : यूपी में आय प्रमाण पत्र 3500 रुपए में बिक रहा है। आय, जाति, निवास या ईडब्ल्यूएस हर तरह का प्रमाणपत्र बनवाने के नाम पर मनमानी हो रही है। तहसील पर सुनवाई नहीं हो रही। जनसुविधा केन्द्रों पर प्रमाणपत्रों के लिए मोटी कीमत वसूल की जा रही है। ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र के लिए 2200 से 3500 रुपये मांगे जा रहे हैं। एक छात्र की शिकायत पर संवाददाता ने पड़ताल की तो आरोप सही निकले।
भूतनाथ मार्केट में एचएएल सब्जी मंडी स्थित जनसुविधा केन्द्र पर मौजूद व्यक्ति ने प्रमाणपत्र के लिए 3500 रुपये मांगे। कहा कि पहले आय प्रमाणपत्र बनेगा फिर हलफनामा लगाकर आर्थिक कमजोर बनेगा। सरोजनीनगर जनसुविधा केन्द्र पर पूछा गया तो 3500 रुपये में ही प्रमाणपत्र बनाने की बात कही गई, जबकि किसी भी प्रमाणपत्र के लिए जनसुविधा या कॉमन सर्विस सेंटर से 30 रुपये की ही अधिकृत रसीद मिलती है।
मोहनलालगंज की श्यामा रानी ने 15 जून को जाति प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया। तहसीलदार राजेश विश्वकर्मा के डिजिटल हस्ताक्षर से जारी अस्वीकृत पत्र में लिखा है कि ‘मायके की रिपोर्ट लगाएं’। राकेश कुमार के निवास प्रमाणपत्र को यह कहते हुए अस्वीकृत कर दिया गया कि वह बाहर रहते हैं। जनसेवा-कॉमन सर्विस सेंटर से कुल 32 सेवाएं मिलती हैं। लखनऊ में 3384 केन्द्र है, जहां अधिकांश सेवाओं के लिए तीस रुपये शुल्क है।
सरोजनीनगर तहसील में 300 से आय, जाति, निवास प्रमाणपत्र लम्बित हैं। बड़ी संख्या में लेखपालों का तबादला होने की वजह से प्रमाणपत्र नहीं बन पा रहे। बंथरा, अमावां, उतरेटिया, बिजनौर, खुशालगंज में 29 जून से राजस्व निरीक्षक भी नहीं है। एक छात्रा ने बताया कि फार्म भरने के लिए उसे प्रमाणपत्र बनवाना था। फार्म जमा करने की आखिरी तिथि नजदीक आ गई तो उसने तहसील जा कर पूछा। तहसीलदार ने बताया कि लेखपाल के न होने से रिपोर्ट नहीं लग सकती।
ईडब्ल्यूएस ऑफलाइन बनता है। यदि कोई केन्द्र बना रहा है तो अधिकार क्षेत्र से बाहर ऐसा कर रहा है। मामले की जांच कर कार्रवाई होगी।
बिपिन मिश्रा, एडीएम एफआर