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भुखमरी से जूझ रहे श्रीलंका की मदद के लिए आगे आया भारत, एक अरब डॉलर के बाद अब भेजा 4000 टन चावल

नई दिल्ली: पड़ोसी मुल्क श्रीलंका पिछले कुछ दिनों से महंगाई और गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार लगभग ख़त्म हो जाने और कई देशों के कर्ज तले दबे पड़ोसी देश के ऊपर दिवालिया होने का संकट मंडराने लगा है। श्रीलंका को इस संकट से उबारने के लिए कई देश आगे आए हैं, किन्तु भारत इसमें सबसे बड़ी भूमिका निभा रहा है।

भूखमरी को खत्म करने के लिए भारत ने श्रीलंका के लिए 40000 टन चावल भेजा है। सबसे राहत की बात ये है कि चावल की सप्लाई श्रीलंका में एक प्रमुख पर्व से पहले की जा रही है। उम्मीद है कि भारत द्वारा की गई इस सहायता से श्रीलंका को कुछ राहत मिलेगी। श्रीलंका में गंभीर आर्थिक संकट और भारी विरोध प्रदर्शन के कारण पूरे देश में इमरजेंसी लगा दी गई है। हिंसा और विरोध प्रदर्शन के मद्देनज़र राष्ट्रपति ने पूरे देश में कर्फ्यू की घोषणा कर दी है। पेट्रोल पंप पर फ्यूल के लिए दो-दो किलोमीटर लंबी लाइनें लग रहीं। खाने की चीजें इतनी महंगी हो गईं कि लोग भूखे सोने के लिए विवश हैं।

आलम ये है कि दूध, पेट्रोल से भी महंगा बिक रहा है। एक कप चाय का दाम 100 रुपये हो गया है। मिर्च 700 रुपये किलोग्राम की दर पर बिक रही है। एक किलो आलू के लिए 200 रुपये तक चुकाने पड़ रहे। फ्यूल की कमी का प्रभाव बिजली उत्पादन पर भी पड़ रहा है। अब कई शहरों में 12 से 15 घंटे तक बिजली कटौती हो रही है। ऐसी स्थिति में भारत ने फौरी तौर पर श्रीलंका को एक अरब डॉलर की सहायता दी है।

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