टॉप न्यूज़व्यापार

जापानी कंपनियों के स्वागत की तैयारी में भारत, चीन को लगने वाला है बड़ा झटका

नई दिल्ली: जापानी कंपनियां चीन से हटकर भारत मे निवेश को लेकर गंभीरता से विचार कर रही हैं। जापान ने भारत मे मौजूद कंपनियों का कामकाज दोबारा शुरू करने के लिए भारत से संपर्क किया है। साथ ही नए अवसरों को लेकर भी दोनों देशों में बात हुई है। सात मई को जापान के विदेश मंत्री ने भारतीय समकक्ष को फोन किया था। दोनों नेताओ की विभिन्न मुद्दों पर बात हुई थी। इसमें आर्थिक संबंधों को गति देने का मुद्दा भी शामिल था। माना जा रहा है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद इस संबंध में व्यवस्थित बातचीत शुरू हो सकती है।

विदेश मंत्रालय में सचिव स्तर के अधिकारी ने ट्वीट कर कहा है कि पोस्ट कोविड सप्लाई चेन के मद्देनजर चीन से निकलने को इच्छुक जापानी कंपनियों ने भारत का बेहतर निवेश गंतव्य के रूप में मूल्यांकन किया है। अधिकारियों ने कहा कि प्रभावी कम लागत, सस्ते दर पर जमीन, तकनीकी के आधार पर देश पसंदीदा निवेश स्थल माना जा रहा है। सूत्र मान रहे हैं कि भारत के कई राज्य इस चुनौती को अवसर में बदलने को आतुर हैं। वहीं माना जा रहा कि जापान सरकार ने चीन में काम कर रही कंपनियों को वहां से शिफ्ट करने में सहयोग का संकेत दिया है।

भारत के लिए कोरोना ने लाया बड़ा अवसर

वहीं जाने माने अर्थशास्त्री अरविंद पनगढ़िया भी कह चुके हैं कि इस संकट से एक यह अवसर पैदा होता हुआ दिख रहा है कि बहुराष्ट्रीय कंपनियां चीन से दुनिया के दूसरे हिस्सों की ओर तेजी से जाएंगी। बहुराष्ट्रीय कंपनियां कोरोना महामारी के मद्देनजर अपनी गतिविधियों का अधिक से अधिक विकेंद्रीकरण करना चाहेंगी। भारत को यह मौका नहीं चूकना चाहिए। इस संकट के समय सरकार को भूमि और श्रम बाजारों के क्षेत्र में सुधारों को आगे बढ़ाना चाहिए, जिन्हें आमतौर पर सामान्य समय में लागू करना कठिन है। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून में सुधार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसी तरह श्रम बाजारों में अधिक लचीलापन आवश्यक है।

Related Articles

Back to top button