चीन के पड़ोसी देश फिलीपींस को भारत की ब्रह्मोस मिसाइल आई राज, भारत ने पहुंचाई पहली खेप
फिलीपींस : भारत की सैन्य शक्तियों से प्रभावित होकर फिलीपींस ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल खरीदने की इच्छा जताई थी। अब भारत की तरफ से ब्रह्मोस मिसाइल की पहली खेप फिलीपींस को सौंप दी गई है। मीडिया के मुताबिक, दक्षिण पूर्व एशियाई देश फिलीपींस के साथ इस हथियार प्रणाली की आपूर्ति के लिए 37.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर का करार होने के दो साल के बाद आपूर्ति होने जा रही है। एएनआई द्वारा ट्वीट की गई तस्वीरों की मानें तो भारतीय वायुसेना के एक सैन्य परिवहन विमान को मिसाइल और लांचरों को लेकर फिलीपीन की नौसेना को सौंपने के लिए रवाना किया गया है। भारत ने जनवरी 2022 में मिसाइल की तीन बैटरी की आपूर्ति के लिए फिलीपीन के साथ करार किया था। फिलीपींस पहला देश है जिसे भारत अत्याधुनिक ब्रह्मोस मिसाइल की आपूर्ति की है।
यह डील जनवरी 2022 में हुई थी। इस डील के साथ भारत ने रक्षा क्षेत्र में खुद को एक बड़े निर्यातक के तौर पर पेश किया है। यह भारत और रूस द्वारा विकसित ब्रह्मोस मिसाइल का पहला निर्यात ऑर्डर है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रह्मोस मिसाइलें भले ही शुक्रवार को फिलीपींस पहुंच जाएगी, लेकिन इसका पूरा सिस्टम अगले सप्ताह तक एक्टिव हो सकता है। भारत ने 2024-25 तक 35,000 करोड़ रुपये का रक्षा निर्यात लक्ष्य रखा है। रक्षा मंत्रालय ने 1 अप्रैल को कहा था कि भारत का रक्षा निर्यात पिछले वित्त वर्ष में 32.5% बढ़ा है और पहली बार 21,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया। भारत अब अपनी सेना को अत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ सैन्य निर्यात को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। भारत वर्तमान में लगभग 85 देशों को सैन्य हार्डवेयर निर्यात कर रहा है, जिसमें लगभग 100 स्थानीय कंपनियां शामिल हैं। इसमें मिसाइलें, तोपें, रॉकेट, बख्तरबंद वाहन, अपतटीय गश्ती जहाज, व्यक्तिगत सुरक्षा गियर, विभिन्न प्रकार के रडार, निगरानी प्रणाली और गोला-बारूद शामिल हैं।
फिलीपींस ऐसे समय में मिसाइल सिस्टम की डिलीवरी ले रहा है जब दक्षिण चीन सागर में लगातार झड़पों के कारण उसके और चीन के बीच तनाव बढ़ रहा है। ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम की तीन बैटरियों को क्षेत्र में किसी भी खतरे से बचाने के लिए फिलीपींस द्वारा अपने तटीय क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा। ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम सुपरसोनिक (ध्वनि की गति से तेज) गति पर सटीकता के साथ विस्तारित रेंज से भूमि या समुद्री लक्ष्यों पर प्रहार करने में सक्षम है। भारत-रूस संयुक्त उद्यम ‘ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड’ सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों को बनाता है जिन्हें पनडुब्बियों, जहाजों, विमानों या जमीन से लक्ष्य की ओर दागा जा सकता है। ब्रह्मोस मिसाइल 2.8 मैक यानी ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना अधिक गति से लक्ष्य की तरफ जाती है।