यूक्रेन में भारतीयों की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किये हुए है भारत
नयी दिल्ली. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russia President Vladimir Putin) द्वारा यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू करने के कारण उत्पन्न स्थिति के बीच भारत (India), यूक्रेन (Ukraine) से अपने नागरिकों को निकालने के लिये आकस्मिक योजना को अंतिम रूप देने में जुटा है। रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के बीच यूरोपीय संघ ने इस ‘गंभीर स्थिति’ के समाधान में योगदान देने के लिये भारत की ओर रूख किया है। यूक्रेन में करीब 20 हजार भारतीयों के फंसे होने के बीच सामरिक मामलों को देखने वाले सरकार के शीर्ष स्तर पर कई उच्च स्तरीय बैठकें हुई जिसमें भारतीयों की मदद के लिये आकस्मिक योजना को लेकर चर्चा हुई।
रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन द्वारा यूक्रेन में सैन्य अभियान का आदेश देने के बाद रूसी सेना ने मध्य एवं पूर्वी यूक्रेन में कई क्षेत्रों में हमले किये। इसकी अमेरिका एवं सहयोगी देशों ने कड़ी निंदा की। वहीं, नागरिक विमानों के लिये यूक्रेन का वायु क्षेत्र बंद होने के मद्देनजर भारतीयों खासकर छात्रों को वापस लाने के लिये वैकल्पिक मार्गो को सक्रिय किया जा रहा है।
यूक्रेन में भारत के राजदूत पार्थ सत्पथी ने यूक्रेन में भारतीयों के लिए जारी एक संदेश में कहा कि स्थिति ‘‘अत्यधिक तनावपूर्ण और बहुत अनिश्चित” है और यह बहुत चिंता का कारण बन रही है। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय और दूतावास इस कठिन परिस्थिति का समाधान खोजने के लिए ‘मिशन मोड’ पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं कीव से आपसे सम्पर्क कर रहा हूं। आज सुबह हम सभी इस खबर के साथ जागे कि यूक्रेन पर हमला हो गया है। स्थिति अत्यधिक तनावपूर्ण और बहुत अनिश्चित है और इससे निश्चित रूप से बहुत चिंता उत्पन्न हो रही है।”
राजदूत ने कहा, “हवाई क्षेत्र बंद है, रेलवे की समयसारिणी अनिश्चित है और सड़कों पर भीड़भाड़ है। मैं सभी से शांत रहने और स्थिति का सामना धैर्य के साथ करने का अनुरोध करता हूं।” इस बीच, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को यूरोपीय संघ (ईयू) के विदेश मामलों एवं सुरक्षा नीति के उच्च प्रतिनिधि जोसेफ बोरेल के साथ यूक्रेन में ‘गंभीर स्थिति’ के बारे में चर्चा की । उन्होंने ट्वीट किया, “ईयू एचआरवीपी जोसेफ बोरेल का फोन आया। यूक्रेन की गंभीर स्थिति और भारत किस प्रकार तनाव कम करने के प्रयास में योगदान कर सकता है, इसके बारे में चर्चा की।” वहीं, यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने अपने ताजा परामर्श में वहां रहने वाले भारतीयों से कहा है कि यूक्रेन में मार्शल लॉ लगे होने के चलते मौजूदा समय में आवागमन मुश्किल है और सायरन और बम की चेतावनी सुनने वाले लोग बम से बचाव वाले नजदीकी आश्रय में पहुंचें।
परामर्श में कहा गया, ” जैसा आप जानते हैं कि यूक्रेन में मार्शल लॉ लग गया है जिससे आवागमन मुश्किल हो गया है।” इसमें कहा गया कि ऐसे छात्र जो कि कीव में फंसे हुए हैं उनके ठहरने की व्यवस्था के लिए दूतावास प्रतिष्ठानों के संपर्क में है। परामर्श में कहा गया, ”हम जानते हैं कि कुछ निश्चित स्थानों पर एयर सायरन और बम की चेतावनी सुनी जा रही है। अगर आप ऐसी स्थिति का सामना कर रहे हैं तो गूगल मैप पर बम से बचाव वाले नजदीकी आश्रय स्थलों का विवरण उपलब्ध है जिनमें से कई आश्रय स्थल भूमिगत मेट्रो में स्थित हैं।”
इसमें कहा गया, “हालांकि, दूतावास स्थिति के मद्देनजर संभावित समाधान तलाश रहा है, अपने आसपास की चीजों को लेकर सतर्क और सुरक्षित रहें तथा आवश्यक नहीं होने पर अपने घरों से नहीं निकलें। हर समय अपने दस्तावेज अपने पास रखें।” यूक्रेन में भारत के राजदूत ने कहा, ‘‘हवाई क्षेत्र बंद है, रेलवे की समयसारिणी अनिश्चित है और सड़कों पर भीड़भाड़ है। मैं सभी से शांत रहने और स्थिति का सामना धैर्य के साथ करने का अनुरोध करता हूं।”
उन्होंने कहा कि कीव में भारतीय दूतावास खुला हुआ है और उसका कामकाज जारी है। दूसरी ओर, भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने कहा कि रूस के साथ भारत के विशेष संबंध हैं और स्थिति को सामान्य बनाने के लिये वह अधिक सक्रिय भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी उन कुछ गिने-चुने नेताओं में शामिल शामिल हैं जिनकी बात रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सुनते हैं तथा नयी दिल्ली, मास्को के साथ इस निकटता का उपयोग स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिये कर सकता है। राजदूत ने कहा कि संकट को लेकर भारत के रुख को यूक्रेन देख रहा है और इससे ‘काफी असंतुष्ट’ है।
सूत्रों ने बताया कि यूक्रेन में भारतीय दूतावास में रूसी भाषा बोलने वाले अतिरिक्त अधिकारी भेजे जा रहे हैं, और पड़ोसी देशों में इन्हें तैनात किया जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि यूक्रेन में भारतीय दूतावास काम कर रहा है और उसके परामर्शों पर ध्यानपूर्वक अमल किया जाना चाहिए । एक सूत्र ने बताया, ‘‘ आकस्मिक योजना पर अमल करने की दिशा में काम हो रहा है।” उन्होंने बताया कि भारत इस पूर्वी यूरोप के देश से अपने नागरिकों खासकर छात्रों की सहायता के उपायों पर ध्यान केंद्रित किये हुए है । आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारत, यूक्रेन में ‘तेजी से बदलती’ स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है और इस बात पर ध्यान केंद्रित किये हुए है कि किस प्रकार से भारतीयों की मदद की जा सकती है।
उन्होंने कहा, “हम तेजी से बदल रहे हालात पर करीब से नजर रख रहे हैं । हमारा पूरा ध्यान भारतीय नागरिकों ,खासतौर पर छात्रों की रक्षा और सुरक्षा पर केन्द्रित है।” सूत्रों ने बताया कि कुछ दिन पहले विदेश मंत्रालय द्वारा स्थापित नियंत्रण कक्ष का विस्तार किया जा रहा है और इसे 24 घंटे काम करने के आधार पर परिचालित किया जा रहा है। भारतीय दूतावास के कर्मचारियों सहित भारतीयों को वापस लाने के लिये विशेष विमान भेजने की संभावना नहीं है क्योंकि यूक्रेन का वायु क्षेत्र बंद कर दिया गया है।
सूत्रों ने बताया, “सरकार वहां भारतीयों की मदद के रास्तों पर ध्यान केंद्रित किये हुए है।” इस विषय पर कई स्तर पर बैठकें हो रही हैं। यूक्रेन में स्थिति उस समय काफी खराब हो गई जब रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान की घोषणा कर दी। इसके कारण दोनों देशों के बीच पूर्ण सैन्य संघर्ष की संभावना को लेकर चिंताएं उत्पन्न हो गई हैं। वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति ब्लोदीमिर जेलेनस्की ने कहा कि इस हमले से यूरोप में बड़ा युद्ध शुरू हो सकता है।