अन्तर्राष्ट्रीय

जिनेवा में अंतरराष्‍ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के अंतरराष्‍ट्रीय श्रम सम्मेलन का आयोजन

( श्रम और रोजगार मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने किया पूर्ण सत्र को संबोधित)

नई दिल्ली: केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने जिनेवा में अंतरराष्‍ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के 110वें अंतरराष्‍ट्रीय श्रम सम्मेलन (आईएलसी) के पूर्ण सत्र को संबोधित किया और इसमें भारत में श्रम क्षेत्र में हुए सुधारों के बारे में सत्र को अवगत कराया । पिछले 8 साल में मोदी सरकार ने औपचारिक और अनौपचारिक लेबर सेक्टर रिफार्म के लिए महत्वपूर्ण निर्णय किये हैं।

भारत सरकार ने अनौपचारिक श्रमिकों के लिए सामाजिक कल्याण योजनाओं के बेहतर प्रसार के लिए श्रमिकों के 400 से अधिक पेशों के साथ लगभग 280 मिलियन श्रमिकों का डेटाबेस बनाया है। वहीं कोविड -19 महामारी की अवधि के दौरान 200 मिलियन महिलाओं के बैंक खातों में सीधे नकद हस्तांतरण किया गया है। केंद्र सरकार द्वारा स्वनिधि योजना के तहत अपने व्यवसाय को फिर से शुरू करने में मदद करने के लिए लगभग 3.2 मिलियन रेहड़ी-पटरी वालों को गारंटी मुक्त ऋण प्रदान किया गया है। साथ ही मातृत्व अवकाश की अवधि 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह की गई है।

भारतीय संसद ने हाल ही में 29 केन्द्रीय श्रम कानूनों को शामिल करते हुए चार श्रम संहिताएं पारित की हैं। इन संहिताओं के माध्यम से श्रम कानूनों का आधुनिकीकरण एवं सरलीकरण किया गया है और इसमें काम के भविष्य एवं अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों से जुड़े मुद्दों को ध्यान में रखा गया है। अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों की चिंताओं को दूर करने के लिए, राष्ट्रीय डेटाबेस विकसित करने के इरादे से ऐसे श्रमिकों को पंजीकृत करने के लिए अगस्त 2021 में एक डिजिटल पोर्टल शुरू किया गया। श्रमिकों के 400 से अधिक पेशों के साथ लगभग 280 मिलियन श्रमिकों का डेटाबेस पहले ही बनाया जा चुका है। इस डेटाबेस से अनौपचारिक श्रमिकों के लिए सामाजिक कल्याण योजनाओं का बेहतर प्रसार होगा।

गौरतलब है कि भारत में औपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों को दो प्रमुख त्रिपक्षीय संगठनों, जिन्हें कर्मचारी भविष्य निधि संगठन और कर्मचारी राज्य बीमा निगम के नाम से जाना जाता है, द्वारा सेवाएं प्रदान की जाती हैं। ये दोनों संगठन चिकित्सा उपचार, पेंशन, मातृत्व लाभ, बेरोजगारी आदि सहित सभी प्रकार के सामाजिक सुरक्षा संबंधी लाभ प्रदान करते हैं। “सुरक्षित एवं व्यवस्थित प्रवासन की सुविधा और समग्र लाभ के लिए, भारत श्रम गतिशीलता समझौतों (एलएमए) और सामाजिक सुरक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर करने का समर्थन करता है”

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