IS की धमकी का नया वीडियो, कहा- ढाका हमला सिर्फ ट्रेलर था
![](https://dastaktimes.org/wp-content/uploads/2016/07/ISIS-warned.jpg)
ढाका: आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ने एक नया वीडियो जारी कर चेतावनी दी है कि बांग्लादेश और दुनियाभर में जबतक शरियत कानून लागू नहीं हो जाता तब तक हमले होते रहेंगे और पिछले हफ्ते का नृशंस हमला बस एक झलक थी। बांग्लादेश सरकार को चेतावनी देने वाला यह वीडियो युद्धप्रभावित सीरिया में इस आतंकवादी संगठन के कब्जे वाले रक्का से बांग्ला में जारी किया गया जो पहले आईएस संबद्ध वेबसाइट पर मिला और तड़के यू-ट्यूब पर डाला गया। यह वीडियो ऐसे समय में आया है जब इस्लामी हमलावरों ने शुक्रवार को ढाका के राजनयिक इलाके में एक लोकप्रिय रेस्तरां पर हमला किया था और 22 लोगों की हत्या कर दी थी। उनमें ज्यादातर ईटली, जापान, भारत और अमेरिका के लोग थे। इस हमले की जिम्मेदारी आईएस ने ली थी। आईएसआईएस वीडियो कल एसआईटीई इंटेलीजेंस साइट पर जारी किया गया। धमकी भरा यह संदेश बांग्लादेशियों के बीच सोशल मीडिया पर फैल गया जबकि अभी वे ढाका में 29 बंधकों एवं दो पुलिस अधिकारियों की हत्या के सदमे से उबरने की कोशिश में जुटे हैं। एसआईटीई इंटेलीजेंस के निदेशक रता कत्ज ने वीडियो के लोगों के हवाले से कहा, ‘यह एक झलक थी, .. इसे दोहरायेंगे। ’ इस वीडियो में एक व्यक्ति का चेहरा ढका है जबकि दो की दाढी है। यह वीडियो इस्लामिक स्टेट के दुष्प्रचार संदेश के साथ शुरू होता है जिसमें शीषर्क बांग्ला में है। इसमें उन हमलों में हुई मौतों की संख्या पर शेखी बघारा गया है जिनकी जिम्मेदारी आईएस ने ली।
बीडीन्यूज 24 के अनुसार उनमें एक ने बांग्लादेश सरकार के लिए अपने संदेश में कहा है, ‘बांग्लादेश में जिहाद, जो अब आप देख रहे हैं, सबसे अलग है जो आपने कभी नहीं देखा होगा। इस वीडियो में तीनों बांग्लादेश मूल के हैं लेकिन तत्काल उनकी शिनाख्त नहीं हो पायी है। उनमें से एक ने कहा कि जबतक दुनिया में शरियत कानून लागू नहीं हो जाता तबतक वे नहीं रूकेंगे। उसने कहा, ‘हम तबतक विधर्मियों की हत्या नहीं रोकेंगे, हम अपने धर्म के लिए जीतेंगे या शहीद के रूप में मर जायेंगे और शहादत हासिल करेंगे। ’ उसने बांग्लादेश के वर्तमान लोकतंत्र को अक्षम्य अपराध करार दिया। एक अन्य ने सरकार को काफिर बताया। वैसे बांग्लादेश सरकार ने दावा किया है कि आतंकवादी प्रतिबंधित जमातुल मुजाहिदीन बांग्लादेश के सदस्य थे। उनमें तीन समृद्ध परिवारों से थे और उन्होंने ढाका के प्रतिष्ठित विद्यालयों में पढ़ाई की थी। दो अन्य बोगरा में गरीब परिवारों से थे।