महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार से संबंधित कंपनियों पर इनकम टैक्स विभाग ने छापेमारी की है। खुद अजित पवार ने इस बात को स्वीकार किया है कि आज उनसे संबंधित कंपनियों पर छापे पड़े। हालांकि, अजीत पवार ने कहा कि उन्हें आईटी विभाग की कार्रवाई से कोई शिकायत नहीं है, मगर अपने रिश्तेदारों की कंपनियों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई पर बुरा लगता है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजीत पवार ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा कि यह सच है कि आईटी विभाग ने मुझसे संबंधित कुछ फर्मों पर छापा मारा है। यह उनका अधिकार है … मुझे नहीं पता कि क्या ये छापे राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किए गए थे या फिर वे अधिक जानकारी चाहते हैं, क्योंकि हम समय पर टैक्स का भुगतान कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मेरा एकमात्र दुख यह है कि उन्होंने मेरी तीन बहनों से संबंधित परिसरों पर छापेमारी की है। उनमें से एक कोल्हापुर में रहती हैं और अन्य दो पुणे में। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वह उन पर छापे के पीछे का कारण नहीं समझ सके हैं। पवार ने कहा कि अगर वे मेरी बहनें हैं, इसलिए छापे मारे गए तो राज्य के लोगों को सोचना चाहिए कि केंद्रीय एजेंसियों का किस स्तर पर दुरुपयोग किया जा रहा है।
बता दें कि अजीत पवार का नाम जुलाई में महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव (एमएससी) बैंक से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सामने आया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने केस के सिलसिले में सतारा जिले की एक चीनी मिल की 65.75 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी।