वेद की ऋचाओं के साथ स्त्री शक्ति के मुंह से गूंज रहे जापानी शब्द
वाराणसी (रत्नेश राय): वेदपाठी कन्याओं के मुँह से अब वेद की ऋचाओं के साथ ही गेरी, ज़ुकी, ऊके, डांची, उची जैसे जापानी शब्द गूंज रहे है,चौकिये नहीं ये उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की तरफ़ से चलाये जा रहे मिशन शक्ति से प्रेरित हो कर आत्मरक्षा के लिए कराटे की विधाये वाराणसी के पाणिनी कन्या महाविद्यालय में सीख़ रहीं हैं।
सनातन परंपरा और आधुनिकता को समेटे हुए पाणिनी कन्या महाविद्यालय की पीत वस्त्र धारण किये हए, संस्कृति की पोषक और संस्कृत भाषा में पारंगत वेदपाठी कन्याएं आज कल आत्मरक्षा के लिए कराटे का प्रशिक्षण ले रही,विद्यालय की परम्परागत शिक्षा के पाठ्यक्रम में आत्मरक्षा के परम्परागत अस्त्र -शस्त्र शामिल हैं।
और यहाँ युद्ध कौशल की भी शिक्षा दी जाती है, लेकिन अब जबकी लड़किया घर की दहलीज से बाहर निकल कर पुरषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर समाज में अपना योगदान दे रही है,ये विद्यार्थी के रूप में,कार्यस्थल,बाज़ार समेत कई जगहों की भी, यात्रा करती है।
तो उनको कई बार कई तरह की मुसीबतो का सामना भी करना पड़ता है, ख़ास तौर पर घर के बहार छेड़-छाड जैसी घटनाएं अक़्सर सुनाई पड़ती है,जिससे मुकाबला करने के लिए अब ये लड़कियां आत्मरक्षा के गुर सीख रही है।
हालांकि पाणिनी कन्या महाविद्यालय में तलवारबाज़ी, भाला और धनुष बाढ़ जैसे अस्त्र-शास्त्र की शिक्षा भली भाति दी जाती है,और ये छात्राएं इन शास्त्रों को चलाने और युद्ध कौशल में पारंगत भी है।
छात्राओं का कहना है की आज के समय में परंपरागत अस्त्र-शास्त्र को साथ लेकर चलना संभव नहीं है इस लिए समय के साथ हमे भी बदलना पड़ रहा है,विद्यार्थियों का कहना है की अब हमें कोई छेड़ेगा तो हम उसे छोड़ेंगे नहीं।
वही महाविद्यालय की आचार्य नंदिता शास्त्री जी और बाल संरक्षण अधिकारी का कहना है की सभी विद्यालयों में आत्मरक्षा की ट्रैंनिंग कोर्स में शामिल कर देना चाहिए,जिससे मातृ शक्तियों की मानसीक शक्ति के साथ ही शारीरिक शक्ति का विकास हो भी सके और साथ ही आत्मबल भी बढे।
राजस्थान से आई एक छात्रा की अभिभावक भी योगी सरकार के मिशन शक्ति से कभी प्रभावित हुई और उनका कहना है की हम लोग दूसरे राज्य में रहते है और इतनी दूर बेटियों को पढ़ने के लिए भेजते है,जिसको लेकर थोड़ी चिंता भी बनी रहती है,लेकिन उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बेटियों को हर तरह से सबल बनाने का कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
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बेटियों को आरम्भ अकादमी आफ मार्शल आर्ट्स के कुशल प्रशिक्षक प्रशिक्षण दे रही है,और प्रदेश सरकार की मिशन शक्ति को और धार-दार बना रहे है ताकि अब बेटियां शोहदों को धूल चटा सके।
कामकाजी महिलाओंऔर छात्राओं का कहना है की योगी सरकार ने मिशन शक्ति का जो बीज आज बोया है, आने वाले वाले समय में इसका परिणाम विशाल वृक्ष की तरह दिखेगा जिसकी जड़े मजबूत तो होगी ही और उसके छाव में मातृ-शक्ति सुरक्षित रहेंगी। छात्रा स्मृति आर्या और जया का कहना है कि हम लोग मानसिक हिंसा को रोक सकते है तो शाररिक हिंसा को रोकने के लिए मार्शल आर्ट सीख कर तैयार हो रहे है।
इस महाविद्यालय आवासीय गुरूकुल पद्धति से संचालित हैं। यहाँ की दिनचर्या खान-पान, रहन-सहन पूरी तरह गुरुकुलीय हैं। भारत के सभी लगभग राज्यों की कन्यायें जाति, वर्ग, सम्प्रदाय के भेद से रहित होकर यहाँ शिक्षा ग्रहण करती हैं। यहाँ पाँचवीं से लेकर आचार्या (एमए) तक की शिक्षा की व्यवस्था हैं।
महाविद्यालय में त्रिपुरा, नेपाल के अलावा कैलिफोर्निया, हालैण्ड, अमेरिका आदि की कन्याओं ने गुरुकुल पद्धति की परंपरागत शिक्षा ग्रहण की है। यहाँ आधुनिकता-प्राचीनता का मर्यादित सम्मिश्रण है, योग्य शिक्षिकाओं की व्यवस्था की गई है इसी के साथ यहाँ
वैदिक शिक्षा के साथ-साथ वर्तमान सामाजिक परिवेश के अनुरूप आधुनिक विषयों -विज्ञान, अंग्रेजी, गणित, कम्प्यूटर की शिक्षा भी यहाँ अनिवार्य रूप से दी जाती हैं।
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