जेएनूय में कथित रूप से देशविरोधी नारे लगने के मामले में दिल्ली सरकार देशद्रोह का मामला चलाने की अनुमति देगी या नहीं इस पर आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस कांफ्रेंस में अपनी बात रखी। केजरीवाल ने कहा कि यह मामला राज्य के गृहमंत्रालय के अधीन है और वह इस पर विचार कर रहे हैं। उनके पास पुलिस की जो चार्जशीट है उसके आधार पर ही मंत्रालय निर्णय लेगा। केजरीवाल ने कहा कि मैं आश्वस्त कर देना चाहता हूं कि इस मामले में गृहमंत्रालय पर हमारी ओर से किसी भी तरह का राजनीतिक व अन्य तरह का दबाव नहीं होगा। वह जो भी निर्णय लेंगे वह सबूतों के आधार पर होगा।
उन्होंने बताया कि अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है और मीडिया में जो भी बातें फैल रही हैं वह मात्र अनुमान हैं।
गौरतलब है कि मीडिया में यह खबरें आ रही थीं कि केजरीवाल सरकार जेएनयू में कथित रूप से हुई देशविरोधी नारेबाजी मामले में देशद्रोह का केस चलाने की अनुमति दिल्ली पुलिस को नहीं देगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये भी कहा जा रहा था कि दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने इस मामले में अपनी राय दी है। उनका ये कहना है कि पुलिस ने जो सबूत पेश किए हैं उससे कन्हैया कुमार, उमर खालिद समेत अन्य आरोपी छात्रों पर देशद्रोह का मुकदमा नहीं बनता है।
बता दें कि इस खबर के मीडिया में आने के बाद भाजपा ने दिल्ली सरकार की आलोचना भी की थी। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा था कि आज का दिन काले अक्षरों में लिखा जाएगा जब एक मुख्यमंत्री का विश्लेषण होगा। उन्हें देशद्रोह और देशभक्त के बारे में नहीं पता। हम इस बारे में पूरे सबूतों के साथ प्रेस कांफ्रेंस करेंगे।