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JNU में ABVP के गुंडों ने किया कांग्रेसी नेता पर हमला

rs-surjewala-560513c9beb03_exlstदस्तक टाइम्स एजेंसी/कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भारतीय जनता पार्टी और एबीवीपी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि जेएनयू में शनिवार को एबीवीपी के गुंडों ने राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता आनंद शर्मा पर तेजधार हथियारों से हमला किया।

रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि इस कायरतापूर्ण हमले की जितनी निंदा की जाए उतनी कम है। जेएनयू में आनंद शर्मा पर हमला मोदी सरकार की मनोस्थिति को दर्शाता है।

सुरजेवाला ने ये भी कहा कि मोदी सरकार छात्रों की आवाज को दबाना चाहती है। वो चाहते हैं कि जेएनयू पर ताला लग जाए।

सुरजेवाला ने आगे भी ट्विटर पर लिखा कि ये घटना उस वक्त हुई जब शनिवार को जेएनयू के सभी छात्र संगठनों, अध्यापक द्वारा ‘जेएनयू बचाओ’ सभा का आयोजन किया गया था।
आनंद शर्मा इस सभा में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सहित विपक्ष के अनेक नेताओं के साथ थे। सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार राष्ट्रविरोधी प्रोपेगंडा का इस्तेमाल कर पूरे जेऩयू को ही राष्ट्रविरोधी साबित करना चाहती है।

सुरजेवाला ने आगे कहा कि अखिल भारतीय परिषद के गुंडों का रवैया प्रधानमंत्री मोदी की मानसिकता को दर्शाता है।

संसद हमले के दोषी आतंकी अफजल गुरू की फांसी के खिलाफ देश विरोधी नारे लगाने की घटना के चौतरफा विरोध के बाद जेएनयू कैंपस सियासी अखाड़ा बन गया है। वामपंथी जेएनयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार को रिहा करवाने की मांग कर रहे हैं तो एबीवीपी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई पर अड़ी है।

सरकार ने कड़ी कार्रवाई करने का इरादा जताया है लेकिन छात्रों के बीच राहुल गांधी, डी राजा, अजय माकन, सीताराम येचुरी जैसी राजनीतिक हस्तियों के पहुंचने से माहौल गरमा गया। हालांकि नेताओं की और आमद रोकने की खातिर शनिवार देर शाम नेताओं और बाहरी लोगों के कैंपस में प्रवेश पर रोक लगा दी गई।

जेएनयू विवाद पर पूरे देश की सियासत तल्ख हो गई है। शनिवार को दिन भर मामले को लेकर गतिविधियां चलती रहीं। छात्रों के समर्थन में कैंपस पहुंच राहुल ने केंद्र पर अभिव्यक्ति के हनन का आरोप मढ़ा तो गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि जो पाकिस्तान जिंदाबाद बोलेगा वह जेल जाएगा।

गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि जेएनयू को देशविरोधी गतिविधियों का अड्डा नहीं बनने दिया जाएगा। इससे पहले सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी और सीपीआई नेता डी. राजा ने राजनाथ से मुलाकात कर छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को तुरंत रिहा किए जाने की मांग की।

येचुरी ने छात्रों पर की गई पुलिसिया कार्रवाई को गलत बताया है। इस मामले में केंद्र सरकार की घेरेबंदी के लिए येचुरी और राजा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी भेंट की। दूसरी ओर कुछ पूर्व सैनिकों ने जेएनयू की डिग्री लौटाने की भी बात कही है।

छात्रों को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि छात्रों की आवाज दबाने वाले सबसे बड़े राष्ट्रविरोधी हैं। केंद्र सरकार छात्रों की आवाज नहीं सुन रही है। उनके साथ वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा और अजय माकन के अलावा सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी व सीपीआई नेता डी राजा भी जेएनयू में मौजूद थे।

राहुल के जेएनयू पहुंचने से पहले शनिवार दिनभर सीताराम येचुरी और डी राजा ने राजनैतिक घेरेबंदी की कवायद की। सबसे पहले इन नेताओं ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर वीडियो पर सवाल उठाते हुए कहा कि गलत छात्रों पर कार्रवाई की गई है।

हालांकि राजनाथ ने येचुरी और राजा को भरोसा दिलाया है कि पुलिस किसी भी निर्दोष पर कार्रवाई नहीं करेगी और दोषी को छोड़ेगी भी नहीं। केसी त्यागी ने भी मामले में पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। वहीं पुलिसिया कार्रवाई पर जेएनयू शिक्षक संघ ने भी नाराजगी जताई है।

इस कार्रवाई को वह जरूरत से ज्यादा बता रहा है। तो मामले से आहत कुछ पूर्व सैनिकों ने वीसी को चिट्ठी लिखकर अपनी डिग्री लौटाने की पेशकश की है। ये सेना के नेशनल डिफेंस अकादमी (एनडीए) से पास हुए 54वें बैच के अधिकारी हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि अगर ऐसी ही हरकत जारी रही है तो वो अपनी डिग्री लौटा देंगे।

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