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देश में प्रजातंत्र के लिए खतरा हैं पारिवारिक पार्टियां : जे पी नड्डा

जयपुर: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा (JP Nadda) ने शनिवार को कहा कि ‘पारिवारिक पार्टियां देश के प्रजातंत्र के लिये खतरा हैं और यह प्रजातंत्र (Democracy ) के लिये अच्छा नहीं है।’ इसके साथ ही उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि केवल उनकी पार्टी (BJP) विचारधारा पर आधारित है। उन्होंने यह बात सवाईमाधोपुर में प्रदेश भाजपा के अनुसूचित जनजाति विशिष्ट जन सम्मेलन को संबोंधित करते हुए कही।

नड्डा ने कहा कि भाजपा भारत की एकमात्र राजनीतिक पार्टी है जो विचारधारा पर आधारित हैं। भाजपा अध्यक्ष ने सवाल किया, ‘‘जम्मू कश्मीर का संविधान, भारत का अभिन्न अंग होना चाहिए था या नहीं होना चाहिए था? आप कांग्रेसवालों से पूछिए क्या हो गया था उनको उस दिन (जिस दिन अनुच्छेद 370 को निष्क्रिय करने के लिए विधेयक आया था) संसद के अंदर, जो वे इसके विरोध में खड़े हो गये।” उन्होंने कहा कि ‘‘ आप पूछिये पारिवारिक पार्टियों से कि क्या हो गया था … क्यों चले गये थे वे विचारधारा छोड़कर, क्यों भटक गये थे…… कहते हो इंडियन नेशनल कांग्रेस .. ना तुम इंडियन रह गये हो.. न भारतीय रहे…, न तुम नेशनल रह गये हो.. कांग्रेस तो परिवार की पार्टी बन गई है, भाई -बहन की पार्टी बन गई है।”

उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी, हरियाणा की लोकदल, पश्चिम बंगाल की टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस), तेलंगाना और तमिलनाडु की पार्टियां और तो और महाराष्ट्र में एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी)और शिवसेना भी परिवार की पार्टियां बन गई हैं,… यह देश के लिये खतरनाक है.. कहने को ये क्षेत्रीय पार्टी बनती है और बाद में ये पारिवारिक पार्टियां हो जाती हैं। नड्डा ने कहा कि यह तथ्य है कि भाजपा सदस्यता और अनुसरण करने वालों के लिहाज से सबसे बड़ी पार्टी है और यह आगे बढ़ेगी लेकिन ये पार्टियां (कथित पारिवारिक पार्टियां) देश में प्रजातंत्र के लिये खतरा हैं, जिसे हमें समझना चाहिए।यह प्रजातंत्र के लिये अच्छा नहीं है।

उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व में संसद अच्छी तरह से चल रही है, सभी को साथ लेकर चल रहे हैं, यह हमारी ताकत है जिसे हमें समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी ने पांच राज्यों में से चार में विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की और उत्तरप्रदेश में आजादी के बाद पहली बार योगी आदित्यनाथ लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। नड्डा ने कांग्रेस पर आदिवासियों और दलितों के खिलाफ होने का भी आरोप लगाया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आदिवासियों और दलितों का कल्याण किया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी थी जिसके उम्मीदवार ने बाबा साहेब अंबेडकर के खिलाफ चुनाव लडा था।

नड्डा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी वंशवाद की राजनीति में व्यस्त रही और दलितों, आदिवासियों की कभी परवाह नहीं की। उन्होंने दावा किया कि ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार आदिवासियों को मुख्यधारा में लाने के लिये कल्याणकारी योजनाएं चला रही है।” उन्होंने कहा कि पहले राजनेता जनता के बीच नहीं दिखाई देते थे और दूर से ही हाथ हिलाते थे, लेकिन यह मोदी ही थे जिन्होंने ‘संस्कृति रिपोर्ट कार्ड’ की शुरूआत की।

नड्डा ने राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार भ्रष्टाचार में डूबी है और सत्तारूढ़ दल के विधायक थानाधिकारी को गाली देते हैं और राज्य में दलितों और आदिवासियों पर अत्याचार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘‘मैं राजस्थान की गहलोत सरकार की भर्त्सना करता हूं। यह सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ से डूबी हुई है। पैसा कमाने से फुर्सत ही नहीं है। सरकार को राजस्थान की जनता की चिंता करने की फुर्सत ही नहीं है कोई ख्याल ही नहीं है।”

उन्होंने कहा कि राजस्थान में पिछले 38 माह में छह लाख 51 हजार आपराधिक मामले दर्ज हुए और प्रतिदिन 18 दुष्कर्म के मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने दावा किया, ‘‘आदिवासियों और दलितों के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध राजस्थान में हो रहे हैं।” उन्होंने कहा कि ‘‘राजस्थान में दलितों का सबसे ज्यादा उत्पीड़न हुआ और राष्ट्रीय अपराध ब्यूरों के आंकड़ों को अगर हम देखे तो पता चलता है कि पिछले तीन सालों में दलितों और आदिवासियों पर सबसे ज्यादा अपराध राजस्थान में हुआ है।”

उन्होंने सवाल किया कि ‘‘क्या ऐसी व्यवस्था रहने देना चाहिए? नड्डा ने कहा कि जो ये जो कांग्रेस के नेता पुलिस को धमका कर कानून व्यवस्था को अपने हाथ में ले रहे हैं क्या आप यही स्थिति चाहते हैं।” उन्होंने कहा कि ‘‘क्या यह सही नहीं है कि आने वाले समय में इनको घर बिठाना जरूरी है.. मैं आपसे निवेदन करूंगा कि प्रजातांत्रिक तरीके से लोगों में अमल जगाओ.. आदिवासी भाइयों को बताओं कि उनका सही रक्षक नरेन्द्र मोदी है।”

सम्मेलन में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरूण सिंह, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां, राज्यसभा सांसद और आदिवासी नेता किरोडी लाल मीणा सहित पूर्वी राजस्थान खासतौर पर भरतपुर संभाग के सात जिलों (भरतपुर, सवाईमाधोपुर, धौलपुर, अलवर, करौली, टोंक, दौसा) से आये अन्य कई बुद्धिजीवियों ने भाग लिया।

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