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श्रीरंगपटना जुम्मा मस्जिद अवैध मदरसे के मामले पर कर्नाटक उच्च न्यायालय ने जारी किया नोटिस

नई दिल्ली: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को एक नोटिस जारी किया है और पूछा है कि मांड्या जिले के श्रीरंगापटना टाउन में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ( Archeological survey of India) द्वारा संरक्षित एक मस्जिद में एक मदरसे का अवैध संचालन कैसे हो रहा है। इस बारे मे कर्नाटक उच्च न्यायालय में याचिका भी दायर की गई थी। दो न्यायाधीशों की पीठ जिसमें मुख्य न्यायाधीश पीबी वरले और जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित शामिल थे, ने यह नोटिस जारी किया है।

कर्नाटक के कनकपुरा के निवासी अभिषेक गौड़ा के द्वारा दायर की गई याचिका की सुनवाई करते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय ने यह कदम उठाया। कोर्ट ने नोटिस संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक, कर्नाटक सरकार के राजस्व विभाग और मांड्या के डिस्ट्रिक्ट कमिशनर को भी भेजा है।

याचिकाकर्ता का कहना था कि श्रीरंगापटना एक ऐतिहासिक स्थल और टूरिस्ट स्पॉट है और यहां जुम्मा मस्जिद जो टीपू सुल्तान के समय में बनवाई गई थी , को एक ऐतिहासिक स्मारक भी घोषित किया जा चुका है। और इस मस्जिद के अंदर एक मदरसे की गतिवधियां हो रही हैं जो गैर कानूनी हैं और देश के सांस्कृतिक कानूनों का उल्लंघन हैं। इससे मस्जिद की संरचना पर भी असर पड़ा है।

याचिका में बताया गया है कि इस मदरसे में करीब 50 से 60 छात्र पढ़ रहे हैं। वो यहीं रह भी रहे हैं और मस्जिद परिसर में उनके लिए खाना भी पकाया जा रहा है। मुद्दा ये नहीं है कि मदरसों का संचालन न हो बल्कि मामला यह है कि गैर कानूनी ढंग से न हो। यह एंसिएंट मॉन्यूमेंट्स एंड आर्कियोलॉजिकल साइट्स एंड रिमेंस एक्ट्स एंड रूल्स की धारा 7 के तहत गैर कानूनी है।

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