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30 साल के बाद महिलाओं में बढ़ जाती है किडनी की समस्या, जानिए कारण

नई दिल्ली : किडनी से संबंधित परेशानियों का सामना किसी भी व्यक्ति को किसी भी उम्र में करना पड़ सकता है, लेकिन महिलाएं इस समस्या से सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं. 30 साल की उम्र के बाद अधिकतर महिलाओं को किडनी से संबंधित बीमारियों का सामना करना पड़ता है. किडनी से संबंधित समस्याओं के कारण इसका असर महिलाओं की ओवरऑल हेल्थ पर पड़ता है.

महिलाओं को अपने पूरे जीवन में अलग-अलग तरह के हार्मोनल बदलावों का सामना करना पड़ता है. यह हार्मोनल बदलाव 30 साल की उम्र से पहले और बाद में भी होते रहते हैं. हार्मोन के स्तर में उतार-चढ़ाव, विशेष रूप से एस्ट्रोजन, किडनी के काम को प्रभावित कर सकते हैं. एस्ट्रोजेन रक्त वाहिकाओं को हेल्दी बनाए रखने और किडनी में ब्लड के फ्लो को रेगुलेट करने में महत्वपूर्ण भूमिका (vital role) निभाता है. एस्ट्रोजन के लेवल में असंतुलन के चलते किडनी की बीमारियों का खतरा बढ़ने लगता है. जिससे किडनी इंफेक्शन, सिस्ट और पथरी का सामना भी करना पड़ता है.

संबंधित दिक्कतें- एक से ज्यादा बच्चे पैदा कर चुकी महिलाओं को अपने जीवनकाल में कभी ना कभी किडनी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. जिन महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर का सामना करना पड़ता है उन्हें जीवन में आगे चलकर किडनी डैमेज का भी सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में जरूरी है कि महिलाएं डिलीवरी के बाद अपनी किडनी का खास ख्याल रखें.

महिलाओं में लंबे समय से चली आ रही किसी पुरानी बीमारी के कारण भी किडनी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. ऑटोइम्यून डिसऑर्डर जैसे ल्यूपस और रूमेटाइड अर्थराइटिस के कारण महिलाओं को किडनी में जलन और डैमेज का सामना करना पड़ता है. इसके साथ ही, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर की दिक्कत, जो उम्र के साथ बढ़ती रहती है, इससे भी किडनी डैमेज का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में जरूरी है कि आप इन दोनों ही समस्याओं के कंट्रोल में रखें.

खराब लाइफस्टाइल का किडनी के काम पर काफी बुरा प्रभाव पड़ सकता है. स्मोकिंग, अत्यधिक शराब का सेवन, हाई सोडियम फूड्स, चीनी और प्रोसेस्ड फूड का सेवन करने से किडनी की समस्याएं काफी ज्यादा बढ़ने लगती हैं. किडनी को हेल्दी रखने के लिए रेगुलर एक्सरसाइज, बैलेंस्ड डाइट और हेल्दी लाइफस्टाइल काफी जरूरी होती है.

कई बार किडनी की समस्या का सामना फैमिली हिस्ट्री की वजह से भी करना पड़ सकता है. पॉलीसिस्टिक किडनी रोग (पीकेडी) और कुछ प्रकार के ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस जैसी कंडीशन आपको विरासत में मिल सकती हैं और 30 साल की उम्र के बाद महिलाओं में दिखनी शुरू हो सकती हैं. ऐसे में जरूरी है कि आप अपने साथ-साथ परिवार के सदस्यों का भी नियमित रूप से हेल्थ चेकअप कराएं, ताकि आपको समय से पहले ही इन बीमारियों का पता चल सके.

यह एक सामान्य जानकारी है. किडनी से संबंधित किसी भी तरह की समस्याओं से बचने के लिए जरूरी है कि महिलाएं समय-समय पर अपना चेकअप करवाती रहें और शरीर में किसी भी तरह के कोई असामान्य लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

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