सरकारी अस्पतालों में डेंगू-मलेरिया के मरीजों के लिए इस्तेमाल होंगे कोविड रिजर्व बेड, दिल्ली सरकार ने दिया आदेश
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना महामारी के बीच इन दिनों डेंगू और मलेरिया का कहर बहुत अधिक देखने को मिल रहा है। प्राइवेट और निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या हर दिन बढ़ रही है। ऐसे में दिल्ली सरकार ने फैसला किया है कि सभी सरकारी अस्पतालों में ICU बेड समेत कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व किए गए एक तिहाई बेड का इस्तेमाल डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों के लिए किया जाए।
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने कहा कि डेंगू, मलेरिया या चिकनगुनिया से पीड़ित मरीजों को जरूरत पड़ने पर ये बेड आवंटित किए जा सकते हैं। आपको बता दें कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने इससे पहले कहा था कि सरकारी अस्पतालों में डेंगू के मरीजों के लिए हमने पर्याप्त इंतजाम किए हुए हैं और किसी भी मरीज को वापस नहीं भेजा जा रहा है, लेकिन अगर अब सरकार ने ICU बेड सहित कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व बेडों का इस्तेमाल डेंगू के मरीजों के लिए करने का फैसला किया है तो इससे समझा जा सकता है कि दिल्ली में डेंगू का खतरा कितना बढ़ रहा है।
दिल्ली में अधिकतर बाहर से आ रहे हैं- सत्येंद्र जैन सत्येंद्र जैन ने बताया है कि दिल्ली के सरकारी अस्पातलों में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के जो मरीज बढ़ रहे हैं वो सिर्फ दिल्ली के नहीं हैं, बल्कि दिल्ली से बाहर के राज्यों से भी बहुत अधिक संख्या में मरीज यहीं इलाज कराने आ रहे हैं, जिसकी वजह से दिल्ली के अस्पतालों में बेड की कमी हो रही है। सफदरजंग अस्पताल और राम मनोहर लोहिया अस्पताल में डेंगू के मरीजों के लिए बेड की कमी बताई गई है। उन्होंने आगे कहा कि किसी भी मरीज को वापस नहीं किया जा रहा है और कहा कि केंद्र द्वारा संचालित अस्पतालों में बिस्तरों की कमी है लेकिन दिल्ली सरकार ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों में पर्याप्त व्यवस्था की है।
सोमवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में इस साल डेंगू के 1,000 से अधिक मामले सामने आए हैं, जिसमें पिछले सप्ताह 280 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। इस सीजन में दिल्ली में दर्ज किए गए डेंगू के कुल मामलों में से, इस महीने के पहले 23 दिनों में अकेले 665 दर्ज किए गए।