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रिटायर्ड जज पर बयान देकर घिरे कानून मंत्री, कांग्रेस ने बताया ‘डाकू’, TMC ने मांगे सबूत

नई दिल्ली : केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू का एक बयान उनके लिए मुसीबत बनता दिख रहा है. विपक्षी दलों ने इस बयान को लेकर उन पर निशाना साधा. दरअसल, एक कार्यक्रम में किरेन रिजिजू ने कहा था कि कुछ सेवानिवृत्त न्यायाधीश, एक्टिविस्ट भारत विरोधी गिरोह का हिस्सा हैं और भारतीय न्यायपालिका को विपक्ष की भूमिका निभाने की कोशिश कर रहे हैं.”

विपक्षी दलों ने इस पर कहा कि रिजिजू को ऐसे दावों के लिए सबूत देना चाहिए. शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने रिजिजू पर निशाना साधते हुए कहा, “यह न्यायपालिका पर दबाव बनाने की कोशिश है।”

संजय राउत ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा, “यह किस तरह का लोकतंत्र है? क्या कानून मंत्री को न्यायपालिका को धमकाना शोभा देता है? यह उन न्यायाधीशों के लिए खतरा है जो सरकार के सामने झुकने से इनकार करते हैं और यह न्यायपालिका पर दबाव बनाने का प्रयास है. सरकार की आलोचना करने का मतलब देश के खिलाफ होना नहीं है.”

वहीं, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने ट्विटर पर कहा, “एक मंत्री इस तरह का बयान देकर बच नहीं सकता है. आप सबूत दीजिए, धमकी मत दीजिए. आरएसएस ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग नहीं लिया और हिंदू महासभा ने अंग्रेजों का समर्थन किया. हमें भारत समर्थक, भारत विरोधी ज्ञान मत दो.”

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “कानून मंत्री एक डाकू की तरह बात कर रहे हैं. न्याय मंत्री अन्याय का प्रचार कर रहे हैं. यह भाषण न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए खतरा नहीं है तो क्या है?” राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल, जो एक प्रसिद्ध वकील भी हैं ने भी मंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा, “सरकार में कुछ राजनेता नहीं जानते कि वे क्या कहते हैं.” सीपीआई (एम) के नेता और केरल के पूर्व वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने ट्विटर पर पूछा कि रिजिजू कानून या कानूनहीनता मंत्री है. वह न्यायाधीशों को धमकी देता है।”

दरअसल, किरेन रिजिजू ने शनिवार (18 मार्च) को आयोजित एक कार्य़क्रम में कहा था “कुछ सेवानिवृत्त न्यायाधीश और एक्टिविस्ट भारत विरोधी गिरोह का हिस्सा थे और भारतीय न्यायपालिका को विपक्ष की भूमिका निभाने की कोशिश कर रहे हैं. कुछ लोग अदालत भी जाते हैं और कहते हैं कि कृपया सरकार पर लगाम लगाएं, कृपया सरकार की नीति बदलें. ये लोग चाहते हैं कि न्यायपालिका विपक्षी दल की भूमिका निभाए, जो नहीं हो सकता.”

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