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LBT रद्द करने पर 1 हजार 229 करोड़ का लगेगा झटका, सरकारी खजाने पर होगा असर

दस्तक टाइम्स/एजेंसी-महाराष्ट्र: lbt-rax_1446940091मुंबई. स्थानीय निकाय कर (एलबीटी) रद्द करने से सरकारी खजाने पर और 1 हजार 229 करोड़ का भार पड़ने वाला है। जनवरी से मार्च के तीन महीनों के लिए एलबीटी रद्द करने के एवज में महानगरपालिकाओं को 1 हजार 229 करोड़ रुपए देना है। नगर विकास विभाग ने इस संदर्भ में वित्त विभाग के पास प्रस्ताव भेजा है। इसके पहले एलबीटी के लिए 2 हजार 98 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। यानि एलबीटी रद्द करने से सरकारी खजाने पर साढे तीन हजार करोड़ रुपए का भार पड़ेगा।
वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने 2015-16 का बजट पेश करते हुए 1 अगस्त 2015 से एलबीटी रद्द किए जाने की घोषणा की थी। बाद में सरकार ने सालाना 50 करोड़ रुपए से अधिक कारोबार वाले व्यापारियों को एलबीटी के दायरे में रखने का फैसला किया। आंशिक रूप से एलबीटी रद्द किए जाने के बाद इस फैसले पर अमल के लिए मानसून अधिवेशन में पुरक मांगों द्वारा 2 हजार 98 करोड़ का प्रावधान किया गया था। यह प्रावधान दिसंबर 2015 तक के लिए था।
 
अब महानगरपालिकाओं को जनवरी से मार्च 2016 के इन तीन महीनों के लिए 1 हजार 229 करोड़ 92 लाख रुपए का प्रावधान करने की जरूरत है। नगरविकास विकास विभाग ने इस संदर्भ में वित्त विभाग के पास प्रस्ताव भेजा है। आगामी 7 दिसंबर से शुरु हो रहे विधानमंडल के नागपुर अधिवेशन में यह पुरक मांग पेश की जाएगी।

 

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