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जानिए सूर्य ग्रहण सूतक काल क्या होता है ? और क्या होता है इसका प्रभाव

Surya Grahan 2020: कल सूर्य ग्रहण पड़ने वाला है। यह एशिया और अफ्रीका के देशों में दिखाई देने वाला है। भरतीय मानक अनुसार सूर्य ग्रहण दिन में 10 बजकर 20 मिनट से शुरू होकर 1 बजकर 49 मिनट को समाप्त होगा। यह वलयाकार सूर्य ग्रहण है जो पृथ्वी से Ring Of Fire की तरह दिखाई देगा। धार्मिक मान्यता है कि जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है तो सूर्य ग्रहण लगता है। यह भारत के कुछ राज्यों में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, हरियाणा में सूर्य ग्रहण दिखाई पड़ेगा।

जबकि भारत के देहरादून शहर में वलयाकार ग्रहण दिखाई देगा। सूर्य और चंद्र ग्रहण के दौरान पृथ्वी पर राहु और केतु का प्रभाव रहता है। साथ ही सूतक लगा रहता है। अतः इस समय में कोई भी शुभ काम वर्जित है। आइए, जानते हैं कि सूतक काल क्या होता है और इस समय में क्या करना शुभ और अशुभ होता है-

सूर्य ग्रहण सूतक काल

चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण के पूर्व के काल को सूतक कहा जाता है। सूर्य ग्रहण के सूतक काल की अवधि चंद्र ग्रहण से अधिक होती है। सूर्य ग्रहण के दिन सूतक चार प्रहर पहले शुरू होकर ग्रहण की समाप्ति तक रहता है। इसे आप इस तरह समझ सकते हैं कि सूर्य ग्रहण लगने से चार प्रहर यानी 12 घंटा पहले सूतक लग जाता है। इस समय व्यक्ति को खाने पीने, नित्य कर्म, तामसी भोजन और तामसी प्रवृति से दूर रहना चाहिए।

महिलाओं को सूतक समय में विशेष ध्यान रखना चाहिए

वृद्ध व्यक्ति, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को एक समय खाने का विधान है। खासकर गर्भवती महिलाओं को सूतक समय में विशेष ध्यान रखना चाहिए। धार्मिक ग्रंथों में निहित है कि अगर ग्रहण दिखे तो सूतक प्रभावी माना जाता है, अन्यथा सूतक अप्रभावी रहता है। ग्रहण समाप्त होने के पश्चात स्नान ध्यान कर भोजन करना चाहिए।

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