अल नीनो के कारण कम बारिश की संभावना, केन्द्र ने राज्यों को दी खरीफ की बुवाई को लेकर सलाह
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को राज्यों को सलाह दी कि वे सबसे खराब स्थिति के लिए तैयार रहें। साथ ही कम बारिश (Rain) की स्थिति में खरीफ की बुवाई के मौसम में बीज की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करें। मानसूनी बारिश पर अल नीनो के प्रभाव पड़ने की आशंका को लेकर चिंता के बीच केंद्र ने यह सलाह दी है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अप्रैल में भविष्यवाणी की थी कि अल नीनो (el nino) की स्थिति बनने के बावजूद दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम में भारत में सामान्य बारिश होने की उम्मीद है। आगामी खरीफ बुवाई सत्र की रणनीति तैयार करने के लिए कृषि-खरीफ अभियान-2023 पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यों से कृषि क्षेत्र में कच्चे माल की लागत में कटौती, उत्पादन और किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने को कहा। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में ‘गारंटीशुदा लाभ’ समय की मांग है। प्रौद्योगिकी का उपयोग के माध्यम से लागत कम करके और उत्पादन बढ़ाकर खेती को लाभप्रद बनाने में मदद मिल सकती है। तोमर ने अंदेशा जताया कि अगर कृषि लाभदायक नहीं बना तो आने वाले वर्षों में युवा पीढ़ी खेती का काम नहीं करेगी। कृषि के राज्य का विषय होने की बात करते हुए तोमर ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि राज्य सरकारें बेहतर परिणामों के लिए केंद्रीय कार्यक्रमों और धन को प्रभावी ढंग से लागू करें।
केंद्रीय मंत्री ने प्रमुख फसलों की उत्पादकता और उत्पादन बढ़ाने की भी आवश्यकता बतायी क्योंकि जनसंख्या में वृद्धि होने के साथ मांग भी बढ़ेगी। तोमर ने कहा, ‘हमें न केवल घरेलू बाजार की मांग को पूरा करने की जरूरत है, बल्कि हमें कृषि वस्तुओं की आपूर्ति की विदेशों की अपेक्षाओं को भी पूरा करना है।’ उन्होंने राज्यों से नैनो (तरल) उर्वरकों को बढ़ावा देने के लिए भी कहा, जो पहले ही बाजार में लाये जा चुके हैं और किसानों द्वारा उपयोग किए जा रहे हैं। मंत्री ने चिंता जताई कि नैनो यूरिया की बढ़ती मांग और प्राकृतिक और जैविक कृषि पद्धतियों को अपनाने के बावजूद पारंपरिक यूरिया की खपत कम नहीं हुई है।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि सचिव मनोज आहूजा ने कहा कि मौसम विभाग ने सामान्य मानसून का पूर्वानुमान लगाया है और मानसून के मौसम में अल नीनो की स्थिति हो सकती है। उन्होंने सलाह दी, ‘हमें सबसे खराब स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए। कम बारिश की संभावना है और अल नीनो की स्थिति नहीं भी हो सकती है। राज्य स्तर पर पूरी तैयारी होनी चाहिए।’ अल नीनो दक्षिण अमेरिका के पास प्रशांत महासागर में पानी के सतह के गर्म होने से जुड़ा है। इससे आमतौर पर मानसूनी हवाएं कमजोर होती हैं और भारत में मौसम शुष्क हो जाता है। आहूजा ने राज्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि कम बारिश होने की स्थिति में बुवाई करने के लिए बीजों की पर्याप्त उपलब्धता हो। उन्होंने राज्यों से कहा कि वे स्थिति का आकलन करें और इस महीने में ही व्यवस्था करें।