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LG और केजरीवाल सरकार में फ‍िर बहेस , तीर्थयात्रा योजना पर शुरू हुई सियासत

वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में आप सरकार द्वारा घोषित मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना पर उप राज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार को कुछ सुझाव दिए थे। लेकिन सरकार ने इन सुझावों को दरकिनार इन्हें उपराज्यपाल की आपत्ति करार दे दिया है। मुख्यमंत्री व राजस्व मंत्री टवीट करके उपराज्यपाल पर जान बूझकर ऐसा करने का आरोप भी लगा रहे हैं।LG और केजरीवाल सरकार में फ‍िर बहेस , तीर्थयात्रा योजना पर शुरू हुई सियासत

इस योजना में दिल्ली सरकार ने मूल रूप से दिल्ली के ही रहने वाले बुजुर्गों को मुफ्त तीर्थयात्रा कराने की घोषणा की है। उप राज्यपाल ने सुझाव दिया है कि योजना को या तो बीपीएल परिवार के बुजुर्गों के लिए लागू किया जाए या लाभार्थी के लिए आय का कोई मानक तय कर दिया जाए। ऐसा करना जरूरी है ताकि योजना का दुरूपयोग ना हो। मध्य प्रदेश, ओडि़सा और राजस्थान में ऐसी योजना चल रही है, लेकिन वहां भी इसके कुछ मानक तय किए गए हैं।

राजनिवास सूत्रों के मुताबिक आठ मार्च को जब उपराज्यपाल ने उक्त योजना की फाइल लौटाई तो इस पर भी आपत्ति जताई थी कि लाभार्थी के पास मतदाता पहचान पत्र है तो निवास प्रमाण पत्र के लिए स्थानीय विधायक से प्रमाण पत्र लेने की अनिवार्यता रखना बेमानी है, इसे हटाया जाना चाहिए।

उप राज्यपाल ने सकरार को फाइल लौटाते हुए मुख्यमंत्री को इस संबंध में चर्चा के लिए आमंत्रति भी किया था ताकि पारदर्शिता के साथ इस योजना पर निर्णय लिया जा सके। किन्तु सरकार ने अभी तक इस पर किसी तरह का जवाब नहीं दिया।

विडंबना यह कि 22 दिन बाद दिल्ली के राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने शुक्रवार को टवीट कर उपराज्यपाल पर बुजुर्गों के लिए प्रस्तावित मुख्यमंत्री तीर्थयोजना पर आपत्ति जताने का आरोप लगा दिया। गहलोत के मुताबिक, उपराज्यपाल भूल गए हैं कि दिल्ली में बहुत से बच्चे ऐसे भी हैं जो अपने माता पिता को तीर्थ यात्रा पर भेजने के लिए मदद नहीं करते। ऐसे बुजुर्गों के लिए सरकार की यह योजना मददगार साबित होगी।

उधर, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने टवीट किया है कि मुझे बहुत दुख हो रहा है कि उपराज्यपाल दिल्ली सरकार की हर योजना में गतिरोध पैदा कर रहे हैं। ऐसे में हम सरकार कैसे चला पाएंगे। मेरी भाजपा से अपील की है कि हमारे काम में रूकावट न डाले। मैं चुनौती देता हूं कि भाजपा शासित राज्यों की सरकारें हमारी सरकार के साथ कामकाज में प्रतिस्पर्धा करके दिखाएं।

 

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