नई दिल्ली: LIC के शेयर आज यानी मंगलवार को शेयर बाजार में लिस्ट होंगे। ग्रे मार्केट में इसका भाव डाऊन है। अगर सरकारी कंपनियों के आईपीओ की बात करें तो अधिकतर ने निवेशकों को निराश ही किया है। पिछले 13 साल में कुल 26 सरकारी कंपनियां शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हुईं। इनमें 15 ने निवेशकों को नुकसान पहुंचाया है, जबकि केवल 11 ने ही फायदा दिया है।
निवेशकों को नुकसान पहुंचाने वाली पीएसयू शेयरों में एनएचपीसी 12 फीसद, कोल इंडिया 30, एनएमडीसी के शेयर 58 फीसद, मॉयल 58, हुडको 47, कोचिन शिपयार्ड 27 फीसद और आईआरएफसी के शेयर 18 फीसद नुकसान के साथ प्रमुख हैं। सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाली सरकारी कंपनियों में पहला नाम जनरल इंश्योरेंस ऑफ इंडिया (जीआईसी) का है। इसने 87 फीसद का घाटा दिया है। जीआईसी का आईपीओ 2017 में 912 रुपये के भाव पर आया था, जिसके शेयर की कीमत अब 115 रुपये रह गई। वहीं, निवेशकों को सबसे ज्यादा फायदा IRCTC ने दिया। 2019 में 320 रुपये पर इसका आईपीओ आया था। अब भाव 655 रुपये है। यह 6,400 रुपये तक गया था। बाद में यह स्लिट हुआ और इसके एक शेयर में पांच शेयर बनाए गए थे।
बीएसई के पीएसयू इंडेक्स पर दिए गए आंकड़ों की बात करें तो सबसे ज्यादा घाटा देने वाले सरकारी कंपनियों में में न्यू इंडिया इंश्योरेंस भी है। इसने भी 87% घाटा दिया है। 2017 में इसका आईपीओ 800 रुपये पर आया था और अब 104.95 रुपये पर है। पंजाब एंड सिंध बैंक के शेयर ने भी 87 फीसद का घाटा दिया है। यह 2010 में 120 रुपये पर आया था और अब 15 रुपये पर है।
इन्होंने कराया फायदा
कुछ कंपनियों ने निवेशकों को कमाई भी कराई है। भारत डायनॉमिक्स के शेयर ने 53 फीसद का फायदा दिया है, जबकि हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स के शेयर ने 25 फीसद, मिधानि ने 84 फीसद, राइट्स ने 33 और गार्डेन रिच के शेयर ने 140 फीसद का फायदा दिया है। पावरग्रिड के शेयर ने 355 फीसद का फायदा दिया है। 52 रुपये पर आया यह आईपीओ अब 235 रुपये पर कारोबार कर रहा है।