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सेवा क्षेत्र के लिए ऋण से जुडी विशेष पूंजीगत अनुदान योजना का शुभारंभ

नई दिल्ली, 19 नवंबर। पूर्वोत्तर सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम सम्मेलन के दूसरे दिन केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नारायण राणे ने आज गुवाहाटी में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में सेवा क्षेत्र के लिए ऋण से जुडी विशेष पूंजीगत अनुदान योजना (एससीएलसीएसएस) का शुभारंभ किया। यह योजना सेवा क्षेत्र में उद्यमों की प्रौद्योगिकी संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेगी और इसमें अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के सूक्ष्म और लघु उद्यमों को बिना किसी क्षेत्र विशेष प्रतिबंध के प्रौद्योगिकी के उन्नयन पर संयंत्र और मशीनरी और सेवा उपकरणों की खरीद के लिए संस्थागत ऋण के माध्यम से 25% पूंजीगत अनुदान (सब्सिडी) दिए जाने का प्रावधान है।

नारायण राणे ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों को सम्मानित भी किया और युवाओं से नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी देने वाले बनने के लिए उद्यमिता अपनाने का आग्रह किया। राणे ने युवाओं को आश्वासन दिया कि सफल उद्यमी बनने की उनकी यात्रा में सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र का समावेशी विकास केवल उत्तर-पूर्व के योगदान से ही पूर्ण होता है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की अनुकूल नीतियां और एमएसएमई मंत्रालय द्वारा लागू की गई विभिन्न योजनाएं/कार्यक्रम, विशेष रूप से समाज के हाशिए पर खड़े वर्गों के लिए इस क्षेत्र को अपनी पूरी क्षमता का प्रयोग करने में मदद कर रहे हैं।

नारायण राणे ने राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी) प्रशिक्षण केंद्र, गुवाहाटी के सफल प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा समर्थित प्रदर्शनी केंद्र में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमियों के स्टालों का दौरा किया। उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियां एमएसएमई उद्यमियों,विशेष रूप से महिलाओं और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमियों को अपने कौशल/उत्पाद दिखाने और विकास के नए अवसर पैदा करने और आत्मनिर्भरता प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती हैं ।

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