उत्तराखंड

नीम करौली बाबा के दरबार कैंची धाम में लगा महामेला, धूमधाम से मनाया जा रहा है स्थापना दिवस, ये रहा ट्रैफिक रूट प्लान

नई दिल्ली: उत्तराखंड नैनीताल में बाबा नीम करौली के कैंची धाम आश्रम में साल भर भक्तों की भीड़ लगी रहती है। यहां पर देश-विदेश से भक्त बाबा के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। बाबा नीम करौली का कैंची धाम आश्रम उनके कई चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध है। बाबा नीम करौली ने कैंची धाम की स्थापना 15 जून 1964 को की थी। यह दिन कैंची धाम स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। साल 2023 में 15 जून को कैंची धाम का 59वां स्थापना दिवस मनाया जाएगा।

कैंची धाम आश्रम के बाबा नीम करौली आज पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं। यही कारण है कि यहां कैंची धाम आश्रम स्थापना दिवस पर करीब 2 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। भक्तों की भारी संख्या में भीड़ को देखते हुए यहां रूट भी डायवर्ट किया गया। पुलिस प्रशासन द्वारा अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पर वाहनों का दबाव कम करने का प्रयास कर रहा है।

आपको बता दें दो दिन बाद यानि गुरूवार को नैनीताल स्थित कैंचीधाम में 15 जून को में हर साल भव्य मेले और विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है। यही कारण है कि इस बार के खास प्रसाद के रूप में मंदिर में नीम करोली बाबा को मालपुए का भोग लगाया जाता है। जिसके बाद ये प्रसाद भक्तों में बांट दिया जाता है। आपको बता दें इस साल मालपुआ बनाने के लिए मथुरा के सोंख गांव से 45 कारीगरों को यहां बुलाया गया है। इनके सहयोग के लिए मंदिर ट्रस्ट के 24 लोग भी उपस्थित रहेंगे।

आपको बता दें कि भवाली से शटल सेवा से ही श्रद्धालुओं को कैंची धाम पहुंचने दिया जाएगा और किसी निजी वाहन को जाने की इजाजत नहीं होगी। कैंची धाम स्थापना एवं भण्डारे के अवसर पर ट्रैफिक रूट प्लान भी जारी किया गया है।

ट्रैफिक रूट प्लान:-

  1. हल्द्वानी से अल्मोड़ा- पिथौरागढ़ को जाने वाले भारी वाहन, यात्री वाहन, प्राईवेट वाहन दिनांक 14 जून 2023 को दिन में 02 बजे से खुटानी मोड़, पदमपुरी पोखराड़- कशियालेख-शीतला-मौना-ल्वेशाल एवं क्वारब होते हुए अल्मोड़ा को निकलेंगें।
  2. नैनीताल से अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ जाने वाले भारी वाहन/यात्री वाहन / प्राइवेट वाहन भवाली रामगढ़ तिराहे से होते हुए मल्ला रामगढ़, नथुवाखान, क्वारब से आगे निकलेंगे।
  3. अल्मोड़ा/पिथौरागढ़ से आने वाले भारी वाहन, यात्री वाहन एवं प्राईवेट वाहन 14 जून 2023 को 02 बजे से क्वारब पुल से मौना-ल्वेशाल- शीतला- पदमपुरी होते हुऐ खुटानी बैन्ड से भीमताल की ओर प्रस्थान करेंगे।
  4. रानीखेत से आने वाले भारी वाहन खैरना से क्वारब होते हुए ल्वेशाल-मौना-पदमपुरी से खुटानी बैन्ड से भीमताल की ओर प्रस्थान करेंगे।
  5. भवाली की ओर से कैंची की ओर आने वाले दोपहिया वाहन प्रारम्भ में कैंची हरतपा रोड, में पार्क कराये जायेंगे। स्थान भर जाने पर जंगलात वैरियर से भवाली की ओर सड़क किनारे चौड़े स्थानों पर पार्क कराये जायेंगे।
  6. भीमताल की तरफ से कैंची धाम आने वाले चार पहिया प्राइवेट वाहनों को नगरपालिका ग्राउण्ड में पार्क कराया जायेगा। नगरपालिका ग्राउण्ड की पार्किंग फुल हो जाने पर वाहनों को नैनीवैण्ड से निर्माणधीन बाईपास में पार्क कराया जायेगा।
  7. नैनीताल की ओर से कैंची धाम आने वाले चारपहिया वाहनों को पेट्रोल पम्प के पास पार्किंग फुल हो जाने पर सैनिटोरियम से भवाली गाँव जाने वाली सड़क पर पार्क कराया जायेगा।
  8. कैंची धाम आने वाले दर्शनार्थियों को शटल सेवा भवाली पेट्रोल पम्प से वन विभाग बैरियर निगलाट तक उपलब्ध रहेगी।
  9. खैरना की ओर से कैंची धाम आने वाले दर्शनार्थियों के वाहनों को खैरना पेट्रोल पम्प के आने खाली स्थान पर पार्क कराया जायेगा। तथा वहा से शटल सेवा के माध्यम से पनीराम ढाबे तक लाया व ले जाया जायेगा।
  10. दिनांक 14 जून 2023 व 15 जून 2023 को हल्द्वानी से भवाली की ओर आने वाली भारी माल वाहक वाहन प्रतिबन्धित रहेंगे।
  11. कैंची धाम की ओर आवागमन करने वाले सेना के वाहनों को भण्डारे के दिवस न लाये जाने हेतु सैन्य अधिकारियों से पत्राचार किया जा रहा है।
  12. उक्त अवसर पर प्रत्येक रोड में वाहनों में ओवरलोडिंग, तीव्र गति से वाहन चलाने, शराब पीकर वाहन चलाने तथा दोपहिया वाहनों में तीन सवारी एवं बिना हेलमेट चलाने के खिलाफ कठोर कानूनी कार्यवाही की जाएगी।

कैंची धाम का इतिहास
दिव्य कैंची धाम उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित है। प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, साल 1961 में नीम करोली बाबा पहली बार यहां आए थे। करोली बाबा ने अपने मित्र पूर्णानंद के साथ मिलकर कैंची धाम में आश्रम बनाने पर विचार किया था। इसके बाद 15 जून 1964 के दिन इस आश्रम की स्थापना की गई। हर साल भव्य तरीके से आश्रम का स्थापना दिवस मनाया जाता है। इसके लिए कई दिन पहले से तैयारियां शुरू हो जाती है। स्थापना दिवस पर नीम करोली बाबा को मालपुए का भोग लगाया जाता है। इसके बाद इसी को भक्तों के बीच इसे प्रसाद के रूप में वितरण किया जाता है। आपको बता दें कि इस साल कैंची धाम आश्रम का 59वां स्थापना दिवस मनाया जाएगा। कहा जाता रहा है कि इस बार आश्रम के स्थापना दिवस के अवसर पर लाखों की संख्या में भक्तगण के आने की संभावना है।

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