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मैं क्यों प्रधानमंत्री के मामलों में नाक घुसाऊं

नई दिल्ली । पीएम मोदी ने शुक्रवार को देशवासियों से कोरोना महामारी के खिलाफ एकजुटता दिखाते हुए रविवार,पांच अप्रैल को रात्रि नौ बजे प्रकाश उत्सव मनाते हुए नौ मिनट के लिए घर के प्रांगण को रोशन करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इसका मकसद लॉकडाउन में घरों में ही रह रहे लोगों को यह एहसास दिलाना है कि कोई अकेला नहीं है।

उन्होंने आग्रह किया कि इस दौरान हमें अपने घरों के दायरे से बाहर नहीं निकलना है और न ही एक जगह एकजुट होना है। केवल अपने घर की खिड़कियों व दरवाजों पर खड़े होकर ही रोशनी करनी है। भारतीय परंपरा में जनता जनार्दन को ईश्वर माना जाता है और इस प्रकाश उत्सव में जनता रूपी महाशक्ति का साक्षात्कार करना है। हम अपने मन में यह संकल्प करें कि हम अकेले नहीं हैं, कोई भी अकेला नहीं है।

130 करोड़ देशवासी, एक ही उद्देश्य के साथ कृतसंकल्प हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री 22 मार्च के जनता कर्फ्यू का उदाहरण देते हुए कहा कि उस दिन देशवासियों ने एक मिसाल कायम की थी। अब इस बयान पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

ममता बनर्जी ने कहा, “मैं क्यों प्रधानमंत्री मोदी के मामलों में नाक घुसाऊं। अभी मैं राजनीति करूं या फिर कोरोनावायरस के मद्देनजर चीजों का प्रबंधन करूं। आप क्यों एक राजनीतिक जंग की शुरुआत करवाना चाहते हैं? जिनको प्रधानमंत्री मोदी की बात सही लगी वे उनकी बात मानें। अगर मुझे सोना होगा तो मैं सोउंगी। यह पूरी तरह से एक निजी मामला है”।

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