श्रीनगर: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) सुप्रीमो और जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने अपने पासपोर्ट के मामले में विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर सहायता मांगी है। सोमवार (20 फ़रवरी) को महबूबा ने कहा कि वह अपनी 80 वर्षीय मां को मक्का यात्रा पर ले जाने के लिए बीते 3 वर्षों से पासपोर्ट की प्रतीक्षा कर रही हैं। महबूबा ने जयशंकर को लिखे एक पत्र में कहा है कि उनके पासपोर्ट का नवीनीकरण लंबित है, क्योंकि जम्मू कश्मीर CID ने अपनी रिपोर्ट में यह बताया था कि उन्हें यात्रा दस्तावेज जारी करना राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में नहीं होगा।
इस दौरान महबूबा ने अपनी बेटी इल्तिजा (35) को पासपोर्ट जारी करने में हो रही देरी का मुद्दा भी उठाया। उनकी बेटी उच्च शिक्षा के लिए देश के बाहर जाना चाहती हैं। महबूबा ने पत्र में लिखा है कि, ‘मैं आपको इस विषय के सम्बन्ध में लिख रही हूं, जो गैर जरूरी रूप से पिछले तीन वर्षों से खींचा जा रहा है।’ महबूबा ने कहा कि, ‘मेरी मां (गुलशन नजीर) और मैंने मार्च 2020 में पासपोर्ट नवीनीकरण के लिए आवेदन दिया था। जम्मू कश्मीर CID ने यह रिपोर्ट दी थी कि मेरी 80 वर्षीय मां और मुझे पासपोर्ट जारी करने से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा होगा। महबूबा ने आरोप लगाया कि जम्मू कश्मीर में यह नियम हो गया है कि राष्ट्र हित का बहाना बनाकर पत्रकारों, छात्रों समेत हजारों लोगों और अन्य के पासपोर्ट आवेदन मनमाने तरीके से खारिज कर दिए जाएं।’
उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने इस मामले में जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया है। तीन वर्षों तक मामला खिंचने के बाद कोर्ट ने श्रीनगर स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय को यह स्पष्ट संदेश दिया कि उसे अस्पष्ट आधार पर पासपोर्ट जारी करने से इनकार कर CID के प्रतिनिधि जैसा सलूक नहीं करना चाहिए। महबूबा ने कहा कि, ‘मुझे भारत के पासपोर्ट प्राधिकरण से संपर्क करने के लिए कहा गया और मैं 2021 से कई दफा वहां संपर्क कर चुकी हूं। दुर्भाग्य से अब तक मुझे कोई सकारात्मक उत्तर नहीं मिला है। पासपोर्ट जारी करने में जानबूझ कर लेटलतीफी करना मेरे मूल अधिकारों का गंभीर हनन है।’