नाबालिग लड़की का 11 साल की उम्र में सौदा, बनी दो बच्चों की मां… पुलिस ने किया बड़ा खुलासा
नई दिल्ली: एक दिलचस्प मामले में, जब एक 14 साल की युवती ने जयपुर के मुरलीपुरा पुलिस स्टेशन में एक दो महीने के बच्चे को लेकर अपनी आत्मकथा सुनाई, तो पुलिस और समाज दोनों हैरान रह गए। इस मामले का खुलासा करते हुए, पुलिस ने हरियाणा के एक गांव से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। बताया जाता है कि यह युवती जब केवल 11 साल की थी, तब उसकी मौसी ने उसे हरियाणा में एक व्यक्ति के पास बेच डाला था। उसकी मासूमियत का इस तरह इस्तेमाल किया गया कि उसने 12 साल की आयु में अपने पहले बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद उसने दो बार और बच्चे को जन्म दिया, जब वह 14 साल की हो रही थी।
बड़ी गंभीरता से की जांच
इस मामले में पुलिस ने युवती की शिकायत को बड़ी गंभीरता से लिया और जांच शुरू की। इसके बाद उन्होंने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जिनमें संदीप और सतवीर यादव भी शामिल हैं। ये आरोपी उस युवती को हरियाणा में बेच डालने और बाद में उससे जुड़े अपराधों में सम्मिलित हैं। आरोपियों के खिलाफ भारी धाराओं में मामला दर्ज किया गया है, जिसमें यौन शोषण, अपहरण, और बच्चों के संरक्षण अधिनियम की धाराएं शामिल हैं। इस मामले में आगामी दिनों में और भी विस्तृत जांच होगी। इस संगीन मामले के बारे में जानकारी देते हुए मुरलीपुरा थाने के एसएचओ सुनील कुमार ने बताया कि हरियाणा के चरखी दादरी जिले के बधवाना गांव के रहने वाले संदीप यादव और सतवीर यादव ने तीन साल पहले उस लड़की को उसकी मौसी से 2 लाख रुपये में खरीदा था।
हरियाणा के एक गांव में रहने के दौरान तीन साल में उस लड़की को दो बार बच्चे को जन्म देने के लिए मजबूर किया गया। एसएचओ के अनुसार, लड़की किसी तरह भागने में सफल रही और उसने मंगलवार को मुरलीपुरा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. उसने बताया कि वह मुरलीपुरा में अपने माता-पिता के साथ रहती थी, लेकिन झगड़े के बाद उसे नीमराणा में अपनी मौसी के पास भेज दिया गया था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि लड़की की देखभाल करने के बजाय उसकी लालची मौसी ने उसे हरियाणा के एक परिवार को बेच दिया। अब लड़की की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने संदीप को अंबाला की एक सीमेंट फैक्ट्री से गिरफ्तार किया, जबकि उसके पिता सतवीर को हरियाणा के चरखी दादरी के बधवाना गांव से दूसरी पुलिस टीम ने गिरफ्तार किया।
समाज में आत्मविश्वास की कमी
इस मामले ने समाज में आत्मविश्वास की कमी को उजागर किया है, जहां युवा लड़कियों के साथ अत्याचार की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। इसे रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने की जरूरत है ताकि हमारे समाज की बेटियां सुरक्षित और सम्मानित महसूस कर सकें। इस दुर्दांत मामले की विस्तृत जांच के बाद ही सजा तय की जाएगी, ताकि युवती को न्याय मिल सके और इस घटना को दोहराने वालों को कड़ी सजा सुनाई जा सके। इस घटना ने समाज की आंखों में एक बार फिर से सवाल उठाए हैं, कि क्या हमारी बेटियों की सुरक्षा के लिए हमें और मजबूत कदम उठाने होंगे? यह घटना सिर्फ युवती के लिए न्याय की मांग है, बल्कि समाज के लिए एक सख्त संदेश भी है। आने वाले समय में इसे लेकर और गहरी चर्चा होनी चाहिए।