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इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन को मोदी कैबिनेट की मंजूरी, 6 साल में 76000 करोड़ खर्च करेगी सरकार

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कई फैसलों पर मुहर लगाई गई। इन फैसलों में सेमीकंडक्टर के लिए इकोसिस्टम को विकसित करने के लिए 76 हजार करोड़ रुपये की योजना का ऐलान किया गया वहीं डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए इन्सेंटिव पर 1300 करोड़ की योजना और 2021-26 के लिये 93 हजार करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को मंजूरी देना शामिल है। ” सेमीकंडक्टर बनाने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव को मंजूरी दी गई है। इसके तहत 2.3 लाख करोड़ रुपए की प्रोत्साहन रकम दी जाएगी। उक्त जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इसे ‘इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन’ की स्थापना से इस क्षेत्र को चलाया जाएगा।

सेमीकंडक्टर सभी तरह के इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में लगने वाले प्रमुख कलपुर्जों में आता है। पूरी दुनिया में सेमीकंडक्टर की सप्लाई में आई कमी से हाल ही में स्मार्टफोन, लैपटॉप, कार और तमाम तरह के उत्पादों के प्रोडक्शन पर प्रतिकूल असर पड़ा है। ऐसे समय में जब माइक्रोचिप की कमी के कारण इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन प्रभावित हुआ है, सरकार के इस कदम से सेमीकंडक्टर बनाने वाली कंपनियों को फायदा होगा। इससे कंपनी को इलेक्ट्रॉनिक हब बनने में मदद मिलेगी। इसी के सात सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के वर्ष 2021-2026 के दौरान क्रियान्वयन के लिए 93 हजार 68 करोड़ रुपए का प्रावधान करने का निर्णय लिया है। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार किसी व्यक्ति द्वारा दुकानदार को भुगतान करने पर लागू होने वाले ट्रांजेक्शन चार्ज का भुगतान करेगी। यह भुगतान मर्चेट डिस्काउंट रेट (MDR) के हिस्से के तौर पर होगा।

उन्होंने आगे कहा कि आने वाले 1 साल में सरकार इस मत पर करीब 1300 करोड़ रुपये खर्च करेगी जिससे की ज्यादा से ज्यादा लोग डिजिटल पेमेंट मोड को अपना सकें। उन्होंने यह भी बताया है कि नवंबर महीने में देश में 7.56 लाख करोड़ रुपये के 423 डिजिटल ट्रांजैक्शन हुए है। इसके अलावा आज की कैबेनिट मीट में सेमी कंडक्टर्स के लिए कंडक्टर प्रोडक्शन के लिए अगले 6 साल के लिए 76,000 करोड़ रुपये की PLI स्कीम ला सकती है। इस इंसेंटिव को 3 तरीके से दिया जा सकता है।

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार किसी व्यक्ति द्वारा दुकानदार को भुगतान करने पर लागू होने वाले ट्रांजेक्शन चार्ज का भुगतान करेगी। यह भुगतान मर्चेट डिस्काउंट रेट (MDR) के हिस्से के तौर पर होगा। उन्होंने आगे कहा कि आने वाले 1 साल में सरकार इस मत पर करीब 1300 करोड़ रुपये खर्च करेगी जिससे की ज्यादा से ज्यादा लोग डिजिटल पेमेंट मोड को अपना सकें। उन्होंने यह भी बताया है कि नवंबर महीने में देश में 7.56 लाख करोड़ रुपये के 423 डिजिटल ट्रांजैक्शन हुए है। इसके अलावा आज की कैबेनिट मीट में सेमी कंडक्टर्स के लिए कंडक्टर प्रोडक्शन के लिए अगले 6 साल के लिए 76,000 करोड़ रुपये की PLI स्कीम ला सकती है। इस इंसेंटिव को 3 तरीके से दिया जा सकता है।

समिति ने राज्यों के लिए केन्द्र के समर्थन के तौर पर 37 हजार 454 करोड़ रुपए और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2016-21 के दौरान सिंचाई के विकास के लिए केन्द्र से लिये गये ऋण को चुकता करने के लिए 20 हजार 434 करोड़ 56 लाख रुपए दिये जाने को स्वीकृति प्रदान की है। बैठक में त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (एआईबीपी), हर खेत को पानी एवं वाटरशेड डेवेलेपमेंट कंपोनेंट को अगले पांच वर्ष यानी 2025-26 तक बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया। एआईबीपी के तहत 13.88 लाख हेक्टेयर भूमि पर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता सृजित होगी जबकि 30.23 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि सहित 60 मौजूदा परियोजनाओं को पूरा किया जा सकेगा। सूखा प्रभावित क्षेत्रों एवं आदिवासी क्षेत्रों में समावेशन की शर्ताें में ढील दी गई है।

हिमाचल प्रदेश के रेणुकाजी बांध परियोजना और उत्तराखंड की लखवार बहुउद्देश्यीय परियोजना में वाटर कंपोनेंट का 90 प्रतिशत वित्त पोषण केन्द्र द्वारा किये जाने का प्रावधान किया गया है। ये दोनों परियोजनाएं यमुना बेसिन में जल संग्रहण बढ़ाकर छह राज्यों दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान को लाभ पहुंचाएंगी। इसी प्रकार हर खेत को पानी कार्यक्रम के तहत लघु सिंचाई एवं जलाशयों की मरम्मत, पुनरुद्धार-पुनर्वास के माध्यम से साढ़े चार लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता सृजित होगी। भूजल के माध्यम से 1.52 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी।

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