नई दिल्ली. सुबह की अन्य बड़ी खबर के अनुसार, NASA ने एक बार फिर आज यानी मंगलवार को इतिहास रच दिया। जी हां, आज अंतरिक्ष में धरती से 1.1 करोड़ किलोमीटर दूर NASA का अंतरिक्ष यान डाइमॉरफस नामक एस्टेरॉयड (Astroid) से टकरा गया है। NASA ने पहली बार किसी प्लैनेटरी डिफेंस टेस्ट यानी डार्ट मिशन को बहुत ही सफलतापूर्वक पूरा किया। ऐसे में अब अब भविष्य में धरती के ऊपर अगर किसी तरह के एस्टेरॉयड को टकराने की आशंका होती है, तो इस टेक्नोलॉजी से पृथ्वी को बचाया भी जा सकेगा।
पता हो कि डार्ट मिशन आज 27 सितंबर की सुबह 4.45 मिनट पर एस्टेरॉयड से टकराया था। इस टक्कर के बाद डाइमॉरफोस किस दिशा में मुड़ा है। इसकी जानकारी फिलहाल अब तक अभी NASA को नहीं मिली है। हालाँकि मामले पर NASA का कहना है कि इसका डाटा मिलने में समय लगेगा। उनके अनुसार इस टक्कर का मकसद उस एस्टेरॉयड को नष्ट करना नहीं बल्कि उसकी आर्बिट यानी एक तरह से उसके रास्ते में एक बदलाव करना ही है।
क्या है डाइमॉरफस
दरअसल डाइमॉरफस एक बाइनरी स्टेरॉयड सिस्टम का हिस्सा है। इस सिस्टम में दो एस्टेरॉयड होते हैं, जिनमें छोटा एस्टेरॉयड एक बड़े एस्टेरॉयड का चक्कर लगाता है। मिली जानकारी के अनुसार डाइमॉरफस आकार में 163 मीटर चौड़ा यानी करीब 535 फीट का एस्टेरॉयड है। वहीं डिडिमॉस 780 मीटर यानी करीब 2560 फीट लंबा एस्टेरॉयड है। ऐसे समझें कि डाइमॉरफस एक मूनलेट या ‘नन्हा चांद’ एस्टेरॉयड है, जो एक बड़े डिडिमॉस नामक एस्टेरॉयड का चक्कर लगाता है। डाइमॉरफस और डिडमॉस के बीच की दूरी महज 1.2 किलोमीटर है।
एक चक्कर 2 साल और 1 महीने में पूरा
वहीं, डिडिमॉस सूरज का चक्कर लगाता है। ये सूरज से करीब 15 करोड़-30 करोड़ किलोमीटर दूर है और उसका एक चक्कर 2 साल और 1 महीने में पूरा होता है। NASA का अंतरिक्ष यान छोटे एस्टेरॉयड यानी डाइमॉरफस से टकराया है। ग्रीक भाषा में डिडिमॉस का मतलब होता है जुड़वां और डाइमॉरफस का मतलब होता है ‘दो रूप।’ पता हो कि डिडिमॉस एस्टेरॉयड की खोज 1996 में जो मोंटानी ने की थी, जबकि डाइमॉरफस की खोज 2003 में पेट्र प्रवेस ने की थी।
गजब टेक्नोलॉजी
NASA का इस पर कहना था कि अंतरिक्ष यान के नेविगेशन को इस तरह से डिजाइन हुआ है कि वह आखिरी 50 मिनटों में दोनों एस्टेरॉयड्स के बीच अंतर करते हुए छोटे एस्टेरॉयड डिमॉरफस से ही टकराया है ऐसी इसकी टेक्नोलॉजी की गई है। इसेक साथ ही NASA ने पहली बार किसी प्लैनेटरी डिफेंस टेस्ट यानी ‘डार्ट मिशन’ को बहुत ही सफलतापूर्वक पूरा किया है।