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जल जंगल और जमीन कारपारेट घरानों को देने की कोशिश : अरूंधति

arundhatiजालंधर। केंद्र की राजग और पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर आम आदमी की बजाय कारपोरेट घरानो को महत्व देने का आरोप लगाते हुए मुखर लेखिका अरूंधति राय ने यहां कहा है कि केंद्र की सरकार देश के जल, जंगल और जमीन को उनके हाथों में सौंपने की कोशिश कर रही है ।
कवि पाश के जन्मदिवस के मौके पर यहां व्याख्यान देने आयी अरूंधति ने कहा, सरकारों को आम लोगों और आदिवासियों की चिंता नहीं है । केंद्र में जिसकी भी सरकार बनती है वह उद्योगपतियों के हाथों में खेलती है और अपने फायदे के लिए यहां के जल जमीन और जंगल को देशी या विदेशी कार्पोरेट घरानो के हाथों में सौंपने की कोशिश कर रही है ।
अरूंधति ने कहा, जब आदिवासी इसका विरोध करते हैं और इसके खिलाफ संघर्ष करते हैं तो उनकी मांगे मानने की बजाय सरकारें उनके खिलाफ सैन्य कारर्रवाई कर रही है ।
उन्होंने कहा, आजकल गुजरात में आरक्षण मांग की हवा चल पडी है । इसके बाद अन्य क्षेत्रों के सवर्ण भी अपने लिए आरक्षण की मांग करेंगे । ऐसे में दलितो के विकास के लिए बनायी गयी इस व्यवस्था पर सवर्णों का कब्जा हो जाएगा ।
लेखिका ने कहा, प्रधानमंत्री गांव के लोगों को शहर में लाने की बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि शहर में लोगों पर आसानी से नियंत्रण हो सकता है । गांव में ऐसा नहीं हो सकता है । इसलिए वह लोगों को क्षांसा दे रहे हैं ।
उन्होंने कहा कि इन सबके खिलाफ साहित्य के माध्यम से लोगों में जागरूकता पैदा की जा सकती है ।

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