New व्हीकल खरीदने वालों के लिए खुशखबरी, 1 जनवरी से यह तोहफा देगी मोदी सरकार

अगर आप भी नई बाइक या कार खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो जल्द ही आपको मोदी सरकार की तरफ से नई सुविधा मिलने वाली है. जी हां, अब नया व्हीकल खरीदने पर आपको टेंपर प्रूफ हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेन प्लेट (HSRP) मिलेगी. यह रजिस्ट्रेशन प्लेट विभिन्न सुरक्षा मानकों से लैस होगी. इस नंबर प्लेट से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जा सकेगी. आपको बता दें कि केंद्र सरकार हाई सिक्योरिटी फीचर्स से लैस नई तरह की नंबर प्लेट 1 जनवरी 2019 से लागू करने की तैयारी में है.
कई राज्यों ने इसे लागू नहीं किया
सरकार की यह पहल इस लिहाज से भी अहम मानी जा रही है क्योंकि एचएसआरपी को अनिवार्य किए करीब एक दशक होने के बावजूद कई राज्यों ने अभी इसको लागू नहीं किया गया. सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने इस बारे में अधिसूचना का मसौदा तैयार कर लिया है. इस मसौदे के अनुसार, ‘1 जनवरी 2019 के पहले दिन से, उसके बाद बनने वाले सभी वाहनों के साथ वाहन कंपनियां हाई सिक्युरिटी वाली लाइसेंस प्लेट की आपूर्ति करेंगी. डीलर इन प्लेट पर पंजीकरण का मार्क लगाकर उन्हें वाहनों पर लगाएंगे.’
पुराने वाहनों पर भी लगा सकेंगे
अधिसूचना में कहा गया कि वाहन कंपनियों के डीलर विनिमार्ताओं से मिली इस तरह की प्लेट को पंजीकरण मार्क लगाने के बाद पुराने वाहनों पर भी लगा सकते हैं. मंत्रालय का कहना है कि वह मोटर वाहनों पर एचएसआरपी लगाने के संबंध में केंद्रीय मोटर वाहन नियमों में बदलाव करने जा रहा है. इस मसौदा अधिसूचना पर 10 मई तक आम लोगों तथा भागीदारों से टिप्पणी मांगी गई है.
टाटा मोटर्स की 44 प्रतिशत हिस्सेदारी
इससे पहले खबर आई कि घरेलू वाहन कंपनी टाटा मोटर्स ने बीते वित्त वर्ष के दौरान घरेलू वाणिज्यिक बाजार खंड में 44 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर ली है. कंपनी घरेलू वाहन बाजार में अपनी खोई हुई हिस्सेदारी पाने के लिए कायापलट की योजना पर काम कर रही है. वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम के आंकड़ों के अनुसार टाटा 2017-18 में टाटा मोटर्स ने 23.17 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 3,76,456 वाणिज्यिक वाहन बेचे.
इससे पहले 2016-17 में यह संख्या 3,05,620 इकाई रही थी. आलोच्य वित्त वर्ष में देश में वाणिज्यिक वाहनों की कुल बिक्री 8,56,453 इकाई रही जो 2016-17 में 7,14,082 इकाई थी. वहीं बाजार भागीदारी के लिहाज से टाटा मोटर्स की भागीदारी बढकर 43.95% हो गई जो 2016-17 में 42.79% थी.