आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को दी जाएगी नई दिशा
भोपाल : प्रदेश में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को जन-सामान्य में और अधिक विश्वसनीय और लोकप्रिय बनाने के लिये आज पं. खुशीलाल शर्मा शासकीय आयुर्वेद संस्थान में टास्क फोर्स समिति की दूसरी बैठक हुई। बैठक में देश के विख्यात आयुर्वेद विद्वान शामिल हुए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर प्रदेश में आयुर्वेद टास्क फोर्स का गठन किया गया।
टास्क फोर्स समिति के सदस्यों ने आयुर्वेद के माध्यम से जन-स्वास्थ्य के क्षेत्र में किये जाने वाले कार्यक्रमों पर विस्तार से चर्चा की। बैठक में एनीमिया कुपोषण, गर्भिणी की उचित देखभाल, स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम, लाईफ स्टाईल डिसऑर्डर्स और मेडिशनल प्लांटस के क्षेत्र में बेहतर संभावना और समुचित उपयोग पर चर्चा हुई। साथ ही आयुर्वेद के क्षेत्र में शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाये जाने, अनुसंधान एवं प्रशिक्षण, घर-घर हर्बल गार्डन की स्थापना, जनजातीय क्षेत्रों में व्याप्त सिकल सेल एनीमिया रोग के उपचार पर भी विशेषज्ञों ने अपनी राय जाहिर की। साथ ही आयुर्वेद आहार के संबंध में भी विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे।
पाँच बिन्दुओं पर रिपोर्ट तैयार करने का निर्णय
टास्क फोर्स समिति ने आयुर्वेद आधारित इंटीग्रेटिव पब्लिक हेल्थ एण्ड पॉलिसी, एजुकेशन एण्ड स्किल्स, रिसर्च एण्ड इनोवेशन, मेडिकल प्लाँन्टस एण्ड प्रोडक्टस और प्रदेश में संचालित आयुष क्योर- “वैद्य आपके द्वार” को केन्द्रित करते हुए रिपोर्ट तैयार करने का निर्णय लिया है।
प्रमुख सचिव आयुष प्रतीक हजेला, पूर्व वाइस चेयरमेन यूजीसी डॉ. भूषण पटवर्धन, विभागाध्यक्ष एम्स ऋषिकेश डॉ. भानु दुग्गल, शोध निदेशक अमृता स्कूल ऑफ आयुर्वेद कोच्चि केरल डॉ. राममनोहर और संयुक्त निदेशक केन्द्रीय आयुर्वेद अनुसंधान परिषद डॉ. एन. श्रीकांत मौजूद थे। साथ ही निदेशक ऑल इंडिया इंस्टीटयूट ऑफ आयुर्वेद नई दिल्ली डॉ. तनुजा नेसरी, एम्स नई दिल्ली की डॉ. रमा जयसुन्दरन, सीनियर साइंटिस्ट सीएसआईआर डॉ. भावना पाराशर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ी। पं. खुशीलाल शर्मा शासकीय आयुर्वेद संस्थान और अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन संस्थान के प्रतिनिधि भी शामिल हुये।