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एनआईए कोर्ट ने बांग्लादेशी एबीटी आतंकी को 7 साल की सजा सुनाई

कोलकाता। कोलकाता की एक विशेष एनआईए अदालत ने गुरुवार को अंसारुल्लाह बांग्ला टीम के एक बांग्लादेशी आतंकवादी को भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रचने के आरोप में सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने समद मिया उर्फ तनवीर पर 16,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया, जिसे आईपीसी की विभिन्न धाराओं, गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम और विदेशी अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया था।

मामला शुरू में कोलकाता पुलिस के एसटीएफ ने 21 नवंबर, 2017 को दर्ज किया था। गिरफ्तार किए गए एबीटी के पांच सदस्यों में चार बांग्लादेशी नागरिक और एक भारतीय है। एनआईए के एक अधिकारी ने कहा कि एबीटी बांग्लादेश में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है।

1 मार्च, 2018 को एनआईए ने मामले की जांच अपने हाथ में ले ली और स्थापित किया कि एबीटी के बांग्लादेशी सदस्य भारत में आतंकवादी कृत्यों को करने की साजिश के अनुसरण में 2016 में भारत में प्रवेश कर गए थे। आरोपी व्यक्तियों ने मजदूरों की आड़ में हैदराबाद, पुणे और मुंबई में यात्रा की थी और पटना में एक दुकान से रसायन खरीदने की कोशिश की थी।

उन्होंने कोलकाता में हथियार और गोला-बारूद खरीदने और रांची में ठिकाने बनाने की भी कोशिश की थी। जांच पूरी होने के बाद गिरफ्तार किए गए सभी पांच आतंकवादियों को एनआईए ने चार्जशीट किया था। तीन को पहले एनआईए अदालत ने दोषी ठहराया था। एक आतंकवादी के खिलाफ आगे की कार्रवाई जारी है।

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