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एक हत्या का राज छुपाने के लिए कि नौ हत्याएं

प्रतीकात्मक फोटो

तेलंगाना: 22 मई को कुए में से मिली नौ लाशों का आज खुलासा कर दिया है संजय नाम के एक व्यक्ति ने एक हत्या को छुपाने के लिए नौ लोगों की हत्या कर दी जिसमें से तीन तो ​बिलकुल बेकासूर थे। संजय ने सभी को नशे की दवा खिलाकर उन लोगों को जिंदा ही कुंए में फेंक दिया था। जिससे वो सभी कुंए में ही मौत की नींद सो गए।

नौ लोगों के शव मिलने की गुत्थी सुलझाने के बाद वरंगल पुलिस आयुक्त रविन्द्र ने सोमवार शाम को पत्रकारों के सामाने पूरी साजिश का खुलासा किया। पुलिस ने बिहार के प्रवासी मजदूर संजय कुमार यादव को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार पूछताछ के दौरान संजय ने सभी की हत्या करना स्वीकार किया है।

पुलिस आयुक्त ने बताया कि इन नौ लोगों की हत्या के पीछे एक व्यक्ति संजय का ही हाथ है। इसी संजय ने एक महिला की हत्या छुपाने के लिये ही नौ लोगों की हत्या की थी। घटना की पृष्ठभूमि में आयुक्त ने बताया कि संजय कुमार यादव मृतक मकसूद आलम की पत्नी निशा आलम (45) की बहन रफ़ीक़ा के साथ वरंगल में रहता था और सभी कारखाने में मज़दूर थे। रफ़ीक़ा अपने पति से पांच साल पहले अलग हो चुकी और उसेके एक बेटी 15 साल की बेटी भी है।

संजय रफीका को शादी का झांसा देकर उसे अपने साथ रखता था। संजय रफीका की नाबालिग बेटी से भी छेड़छाड़ करता था। इस पर रफीका ने संजय को पुलिस में शिकायत करने की धमकी दी थी। तब संजय ने रफीका से पीछा छुड़ाने का बहाना ढूंढने लगा। संजय ने रफीका को शादी करने के बहाने अपने घर वालों से मिलवाने के बहाने पश्चिम बंगाल चलने के लिये राजी कर लिया। मार्च 8 को दोनों वारंगल से कोलकता के लिये गरीब रथ एक्सप्रेस से रवाना हुये। पुलिस के अनुसार संजय ने अपनी रणनीति के अनुसार रात में रफीका को चाय में नींद की गोली डालकर बेहोश कर दिया और चलती ट्रेन में उसकी चुनरी से उसका गला घोंट कर हत्या कर दी।

हत्या के बाद उसने शव को रात के अंधेरे में तडेपल्लीगुडम और राजमुंद्री रेलवे स्टेशन के बीच फेंक दिया। पुलिस के अनुसार संजय राजमुंद्री रेल स्टेशन पर उतर गया और दो दिन के बाद वारंगल पहुंच गया। इधर रेलवे पुलिस ने रेलवे पटरी पर मिली अनजान शव के रूप में मामला दर्ज कर लिया था।

वारंगल में उसने मक़सूद के परिवार को बताया कि रफ़ीक़ा पश्चिम बंगाल में पहुंच गयी है और लॉकडाउन के बाद लौटकर आएगी। इस पर मकसूद आलम की पत्नी निशा आलम ने पूछताछ की ताे पता चला कि रफ़ीक़ा पश्चिम बंगाल में नहीं पहुंची। इस पर निशा ने संजय को पुलिस में मामला दर्ज करवाने धमकी दी। इस पर संजय का अपना भांडा फूटन के डर से इस परिवार को चुप करने का तरीका सोचने लगा।

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20 मई को मकसूद के बेटे शाबाज आलम के बर्थडे पार्टी में उसे मौका मिल गया। संजय ने खाना में नशे कर गोलियां मिला दीं और सबके बेहोश होते ही सभी को जिन्दा रहते कुएं में फेंक दिया। इस कांड उसने तीन निर्दोष भी मार दिये क्योंकि उसे शक था कि कहीं यह लोग उसकी पोल न खोल दें। पुलिस आयुक्त ने बताया कि कुएं से नौ शव मिलने की जांच के लिए छह विशेष टीम घटित की थी। हैदराबाद पुलिस से भी कुछ सुराग मिले थे। टीम ने घटना से 72 घंटे में मामले को सुलझा लिया।

आपको बता दे की बीती 22 मई को कुए से नौ लाशे मिली थी जिसमें छह एक ही परिवार के हैं। इनकी पहचान मकसूद (50), उसकी पत्नी निशा (45), बेटी बुशरा (20) बुशरा का बेटा (3), मकसूद के दो बेटे शाहबाद (22) सोहेल (20) के रूप में की गई। यह सभी पश्चिम बंगाल के हैं। इसके अलावा तीन शवों की पहचान श्रीराम (20), श्याम (22) और शकील (21) के रूप में हुई है। यह तीनों बिहार के बताये जा रहे हैं। यह तीनों अभी कुछ माह पूर्व ही यहां काम करने पहुंचे थे। पुलिस ने सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए सरकारी एमजीएम अस्पताल भेज दिया था।

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