एक या दो संक्रमित मामलों में दफ्तर की पूरी इमारत बंद करने की जरूरत नहीं: स्वास्थ्य मंत्रालय
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नई दिल्ली: देश में लॉकडाउन 4.0 लागू हो गया है इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को एक अहम दिशा-निर्देश दिया है। मंत्रालय ने कहा है कि किसी दफ्तर में कोविड-19 के एक या दो मामले सामने आने पर पूरी इमारत को बंद करने की जरूरत नहीं है। निर्देशों के तहत कार्यालय को संक्रमणमुक्त कर लेने के बाद काम को फिर से बहाल किया जा सकता है।
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मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि कार्यस्थल पर कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए एहतियाती उपायों पर दिशानिर्देश में साफ किया गया है कि बड़े स्तर पर मामले सामने आने पर दफ्तर की समूची इमारत को 48 घंटे के लिए बंद किया जाएगा। इमारत को संक्रमण मुक्त बनाए जाने और फिर से इसे काम बहाली के लिए उपयुक्त घोषित किए किए जाने तक सभी कर्मचारी घर से ही काम करेंगे।
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मंत्रालय के दस्तावेज में कहा गया है कि किसी भी कर्मचारी को बुखार होने पर उसे कार्यालय नहीं आना चाहिए और स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों से चिकित्सा सलाह लेनी चाहिए। अगर ऐसे व्यक्ति में कोविड-19 के लक्षण मिलते हैं या उनमें संक्रमण की पुष्टि होती है तो तुरंत कार्यालय के अधिकारियों को सूचित करना जरूरी है।
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14 दिन रहना होगा पृथक
दिशा-निर्देश में कहा गया है कि किसी कर्मचारी को उनके रिहायशी इलाके में निषिद्ध क्षेत्र के आधार पर घर पर पृथक-वास में रहने को कहा जाता है तो ऐसे में घर से ही काम करने की अनुमति मिलनी चाहिए। बैठकें करने या फिर किसी आगंतुक के आने के संबंध में डीओपीटी के निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए।
मंत्रालय ने यह भी कहा है कि संक्रमण के अत्यधिक जोखिम वाली स्थिति में 14 दिन पृथक वास में रहना होगा, घर पर पृथक-वास में रहने के लिए निर्देशों का पालन करना होगा और आईसीएमआर द्वारा तय प्रक्रिया के मुताबिक जांच कराना होगा।