राष्ट्रीय टीम में शामिल होने से मुझे कोई नहीं रोक सकता: सुमित
भुवनेश्वर: भारतीय हॉकी टीम के मिडफील्डर सुमित ने शनिवार को कहा कि वह मैदान पर अपना 100 प्रतिशत दे रहे हैं और उन्हें राष्ट्रीय टीम में शामिल होने से कोई नहीं रोक सकता। हाकी इंडिया द्वारा शुरू की गयी पाडकास्ट श्रृखंला ‘हाकी पे चर्चा’ में सुमित ने कहा “अगर मैं अच्छा खेलता हूं, तो कोई भी मुझे 2023 में होने वाले एफआईएच ओडिशा हॉकी पुरुष विश्व कप के लिए भारतीय टीम में शामिल होने से नहीं रोक पाएगा।”
उन्होने कहा कि यह हठधर्मिता हरियाणा के छोटे से गांव में उनके बचपन के कड़वे अनुभवों से आई है जहां उन्होंने हर बाधा का सामना बगैर डर के किया और टीम इंडिया के लिए खेलने का सपना देखा। उन्होने कहा “ बचपन से मैंने भारतीय टीम के लिए खेलने का लक्ष्य रखा था। हालांकि, मेरी पारिवारिक पृष्ठभूमि अच्छी नहीं थी मगर फिर भी मेरे कोच और गांव के लोगों ने मेरी हौसलाफजाई की। जब मैं बच्चा था तब मेरे पिता बीमार रहते थे और परिवार की मदद के लिये मेरा भाई काम करता था।”
सुमित ने कहा, “ ऐसे दिन थे जब मैं ढाबे में अपने भाई की जगह काम करता था। मैं वहां अपने परिवार का पेट पालने के लिए काम करता था और हॉकी का अभ्यास भी करता था। जब भी मुझे मैच खेलने के लिए यात्रा करनी पड़ती थी तो मालिक थोड़े से पैसों से मेरी मदद करते थे।” मिडफिल्डर ने कहा, “ अगर मैं अच्छा खेलता हूं, तो कोई भी मुझे एफआईएच ओडिशा हॉकी पुरुष विश्व कप 2023 भुवनेश्वर और राउरकेला के लिए पुरुष हॉकी टीम में शामिल होने से नहीं रोक पाएगा।”
उन्होने कहा “ जब मैं मैदान पर जाता हूं तो हमेशा अपना 100 प्रतिशत देने के बारे में सोचता हूं। मैं हमेशा खुद से मुकाबला करता हूं और मानता हूं कि मुझे बीते हुये कल से बेहतर करना है। मेरा कर्तव्य है कि मैं कड़ी मेहनत करूं और चयन पूरी तरह से कोच और चयनकर्ताओं पर निर्भर करता है। मेरे खेल का प्लस पॉइंट यह है कि मैं लगभग हर स्थिति में खेल सकता हूं। मैं एक मिडफील्डर के रूप में खेलता हूं, लेकिन कभी-कभी मैं डिफेंडर के रूप में भी खेलने के लिए गहराई तक जाता हूं। मुझे टीम में किसी भी स्थिति में खेलने में कोई समस्या नहीं है।”