प्रदेश के उद्यमियों को अब आसानी से मिलेगी रेशम : राकेश सचान
उद्योग मंत्री ने कर्नाटक सिल्क मार्केटिंग बोर्ड के विक्रय शाखा का किया उद्घाटन
बुनकरो को सस्ते दर पर रेशम धागा उपलब्ध कराया जायेगा:डॉ नारायण गौड़ा
-सुरेश गांधी
वाराणसी : प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा, वस्त्रोद्योग मंत्री राकेश सचान ने शुक्रवार को सारंगनाथ चौराहा-पचकोसी रोड स्थिति मान्यवर कांशीराम सिल्क एक्सचेंज परिसर में कर्नाटक सिल्क मार्केटिंग बोर्ड लिमिटेड के सिल्क विक्रय शाखा का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मौके पर बुनकरों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि रेशम का धागा अब बुनकरों को सीधे और आसानी से मिल सकेगा। बिचौलियों का हस्तक्षेप समाप्त हो गया है। इस सिल्क विक्रय शाखा के माध्यम से बुनकरों को गुणवत्तापरक रेशम का धागा उचित मूल्य पर प्राप्त होगा। सचान ने बताया कि वर्तमान में यूपी के 44 जनपदों (मुख्यतः तराई क्षेत्र) में शहतूती रेशम तथा विन्ध्य एवं बुन्देलखण्ड क्षेत्र के 13 जनपदों में टसर रेशम व यमुना के किनारे 8 जनपदों में एरी रेशम का उत्पादन किया जा रहा है। वर्ष 2001 में उत्तराखण्ड राज्य के गठन के बाद यूपी में 22 मी टन रेशम का उत्पादन हो रहा था, जो अब वर्ष 2021-22 में बढ़कर 350 मी टन का उत्पादन हो गया है। वाराणसी में सिल्क एक्सचेंज की स्थापना वर्ष 2010-11 में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत एवं केन्द्रीय रेशम बोर्ड द्वारा रॉ-मैटेरियल बैंक के रुप मे की गयी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अनुमानित लगभग 3000 मी टन रेशम धागे से वाराणसी, आजमगढ़ के बुनकरों द्वारा रेशमी परिधानो का निर्माण कर वाराणसी एवं अन्य प्रदेशों में बिक्री कर आय प्राप्त की जा रही है।
उन्होंने कहा कि वाराणसी में बुनकरों को समय से धागा उनकी मांग के अनुसार प्राप्त हो सके, उसके लिए आज उत्तर प्रदेश सरकार के रेशम विभाग एवं कर्नाटक सरकार के रेशम विभाग के उपक्रम कर्नाटका सिल्क मार्केटिंग बोर्ड (के.एस.एम.बी.) के संयुक्त प्रयास से सिल्क एक्सचेंज, वाराणसी के परिसर में धागा विक्रय केन्द्र खोला जा रहा है, जिससे बुनकरों की मांग के अनुसार धागे की आपूर्ति होगी एवं रेशम वस्त्र उत्पादन से रोजगार के साथ आय में वृद्धि होगी। उन्होंने विशेष जोर देते हुए कहा कि कर्नाटका सरकार के कर्नाटक सिल्क मार्केटिंग बोर्ड का विक्रय केन्द्र खुल जाने से बुनकरों को उनकी मांग के अनुसार धागे की उपलब्धता होगी तथा बुनकरों द्वारा तैयार किये जाने परिधानों के विक्रय से जनमानस को शुद्ध परिधान प्राप्त होंगे। कर्नाटक के मंत्री रेशम, खेल एवं युवा सशक्तिकरण डॉ नारायण गौड़ा ने आवश्वस्त किया कि बुनकरो को सस्ते दर पर रेशम धागा उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि डुप्लीकेट रेशम धागों को ओरिजिनल कह कर बुनकरों को देना गलत है। डुप्लीकेट है, तो डुप्लीकेट नहीं बताएं।
चार सौ बुनकरों को सचान ने सौपा प्रमाण पत्र
उत्तर प्रदेश इंस्टीच्यूट ऑफ डिजाइन एंड रिसर्च डिपार्टमेंट एमएसएमई के तत्वावधान में आयोजित बुनकर प्रशिक्षण के समापन पर सूबे के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा, वस्त्रोद्योग मंत्री राकेश सचान ने शुक्रवार को चार सौ बुनकरों को प्रमाण पत्र सौंपा। इस अवसर पर मौके पर बुनकरों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार बुनकरों की समस्याओं को दूर करने के लिए संकल्पित है। बिचौलियों का हस्तक्षेप किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने बताया कि वाराणसी में प्रदेश रेशम विभाग की सिल्क एक्सचेंज की बिलिं्डग है. यहां कर्नाटक सरकार की ओर से एक सिल्क सेंटर खोला गया है। उसके लिए हमारे बनारस में जो साड़ी बुनकर है जिनका रेशम चाइना, थाईलैंड व अन्य जगहों से आता था, उसमें कई तरह के प्रश्न चिन्ह थे, रेशम लेने के लिए बंगलौर जाना होता था. अब बुनकरों को कहीं जाना नहीं होगा. रेशम का ओरिजनल धागा अब बुनकरों को उचित दामों पर बनारस में ही मिलेगा।
वहीं, उन्होंने कहा कि रेशम का उत्पादन बढ़ाने पर भी हम प्रयास करेंगे. हमारे यहा जो रेशम के उत्पादक और किसान भाई हैं. किसानों और अधिकारियों के साथ हम स्वयं कर्नाटक की विजिट करेंगे. हम कर्नाटक की टेक्नोलॉजी लाकर प्रयास करेंग रेशम का उत्पादन बढ़ाएगें. जिससे बनारस की पहचान बनारसी साड़ी का ओरिजनल रेशम के साथ बढ़े. उन्होंने कहा कि जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री जी का एक विजन है कि रेशम के उत्पाद में हमारा भारत आत्मनिर्भर बनें. उसी तरह योगी जी का निर्देश है कि 35 सौ से 4 हजार मिट्रिक टन की खपत अगर उत्तर प्रदेश में है और हम 3 सौ मिट्रिक टन पैदा कर पा रहे है तो हम कैसे आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश को बनाएं. इस विजन को लेकर हम लोग आगे बढ़ेंगे और ज्यादा से ज्यादा से यूपी के किसानों को प्रशिक्षित करेंगे और प्रोत्साहित भी करेंगे कि वो रेशम के व्यवसाय से जुड़ें. इस अवसर पर काशी प्रांत के अध्यक्ष महेश चंद्र श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा, महामंत्री विद्यासागर राय, विजय कपूर ज्वाइंट कमिश्नर उद्योग उमेश सिंह आदि मौजूद थे।